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Dausa बारिश से किसानों की कटी हुई फसल बर्बाद, आंदोलन की चेतावनी

 
Dausa बारिश से किसानों की कटी हुई फसल बर्बाद, आंदोलन की चेतावनी

दौसा न्यूज़ डेस्क, दौसा लालसोट विधानसभा क्षेत्र में पिछले 2 महीने से बरसात नहीं होने की वजह से व अघोषित विद्युत कटौती से किसानों की खरीफ की फसल अधिकतर सूख चुकी थी वहीं अब बची कूची फसल कटाई के दौरान बारिश होने की वजह से फसल खराब हो रही है। वहीं फसल खराबे को देखकर किसानों का दर्द छलका और राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की है। लालसोट के रामगढ़ पचवारा उपखंड अंतर्गत किसान कानाराम मीणा ने बताया कि इस बार खरीफ की फसल में लगभग पूरा ही नुकसान हो गया है। फसल बुआई के बाद सफेद लट से फसल को नुकसान हुआ उसके बाद फसल पकने के समय बरसात नहीं हुई और अघोषित विद्युत कटौती से भी फसले सूख चुकी थी। अब इस समय कटाई का समय है और फसल काटने के दौरान बारिश होने की वजह से फसल को पूरी तरह नुकसान हो गया है।

किसान जयराम मीणा ने बताया कि खरीफ की फसल में जिस समय बरसात नहीं हुई उस समय विद्युत की कटौती रही। एक-दो घंटे ही बिजली आती थी, ऐसे में किसान अपनी खेती में सिंचाई भी नहीं कर पाया। अगर किसान को पर्याप्त लाइट मिल जाती और सिंचाई कर लेता तो अपनी फसल को बचा लेता, लेकिन अघोषित विद्युत कटौती के चलते उनकी फसले सूख चुकी वही इस समय बारिश हो रही है। ऐसे में फसल काटने के दौरान बाजरा ,मूंगफली ,गवार में अधिकतर नुकसान हो रहा है ऐसे में हम सरकार से फसल खराबे के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

भाजपा नेता भामाशाह प्रहलाद मीणा ने कहा कि इस बार किसानों से भगवान तो रूठे लेकिन सरकार भी रूठ चुकी है। किसान की खरीफ की फसल को जिस समय पानी की आवश्यकता थी उसे समय बरसात नहीं हो पाई, लेकिन अगर पर्याप्त बिजली मिल जाती तो किसान सिंचाई करके अपनी फसल को बचा लेता, लेकिन एक या दो घंटे लाइट आने की वजह से किसान अपनी फसल की भी सिंचाई नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री ही सरकार के सिस्टम के खिलाफ धरने पर बैठ जाते हैं पिछले दिनों अशोक चांदना बिजली निगम के अधिकारियों से परेशान होकर धरने पर बैठे थे। मैं विरोधी पक्ष का होने के नाते गहलोत सरकार से हाथ जोड़कर विनती करता हूं इन किसानों की फसल खराबे की बीमा कंपनियों से मुआवजा दिलाकर भरपाई करवाई जाए। अगर राजस्थान की गहलोत सरकार किसानों को सही समय पर मुआवजा नहीं देगी तो आने वाले दिनों में किसानों के पक्ष में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।