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दौसा पॉक्सो कोर्ट का सख्त फैसला: नाबालिग से अपहरण व दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

 
दौसा पॉक्सो कोर्ट का सख्त फैसला: नाबालिग से अपहरण व दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

जिले की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के गंभीर मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी रामावतार मीना को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए सख्त दंड का प्रावधान किया है।

इसके अलावा, दोषी पर 1.50 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए कि यह पूरी राशि पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की जाएगी, ताकि उसके पुनर्वास में मदद मिल सके।

मामले की पृष्ठभूमि
आरोपी ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया था और उसके साथ दुष्कर्म किया था। घटना की शिकायत पर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया।

अभियोजन पक्ष की दलीलें मजबूत रहीं
कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने पीड़िता के बयान सहित मेडिकल व अन्य साक्ष्यों को मजबूती से प्रस्तुत किया, जिसके आधार पर न्यायालय ने दोष सिद्ध माना। जज ने कहा कि नाबालिगों के साथ होने वाले जघन्य अपराध समाज पर कलंक हैं और ऐसे मामलों में कठोर सजा ही निवारक का कार्य कर सकती है।

न्यायपालिका का संदेश — बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
इस फैसले को बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में न्यायपालिका के सख्त रुख का उदाहरण माना जा रहा है। अदालत ने कहा कि बाल संरक्षण कानूनों के अनुरूप किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ितों को न्याय दिलाने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।