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Dausa साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हुआ पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार

 
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क,धंबोला थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में चार माह से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने झालावाड़ से गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले इस मामले में एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया था.  थाना प्रभारी राकेश कटारा ने बताया कि पोक्सो एक्ट के तहत किशोरी के अपहरण के मामले में एक नाबालिग को निरूद्ध किया गया है। वहीं, उसका एक और साथी था जो चार महीने से फरार था. इस पर डीएसपी रामेश्वरलाल के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया।  काफी खोजबीन के बाद तकनीकी आधार पर आरोपी की लोकेशन झालावाड़ में मिली। जिस पर टीम द्वारा आरोपी मोहकमपुरा, डबली कला तहसील खिलचीपुर थाना भोजपुर, मध्य प्रदेश निवासी कालूसिंह (36) पुत्र बिरमसिंह को झालावाड़ से गिरफ्तार किया गया।  आरोपी को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि एसपी कुंदन कावरिया द्वारा जिले में अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. गठित टीम में थाना अधिकारी राकेश कटारा, हेड कांस्टेबल हेमेंद्र सिंह, कांस्टेबल लोकेंद्र सिंह, जीतमल, नरेंद्र कुमार, श्रीनिवास की टीम ने कार्रवाई की।

दौसा न्यूज़ डेस्क, दौसा की साइबर थाना पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए पैसे दोगुना करने का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. 27 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एसपी वंदिता राणा ने बताया कि पकड़े गये सभी अपराधी शातिर ठग हैं. जिसके अंतरराष्ट्रीय लिंक भी सामने आए हैं. ऑनलाइन ट्रेंडिंग के नाम पर ये पहले लोगों को विश्वास में लेते थे और उन्हें टेलीग्राम ग्रुप में शामिल करते थे, जिसके बाद उनसे फर्जी कंपनियों में निवेश करवाते थे. गिरफ्तार आरोपियों ने पीड़ित दुब्बी निवासी संजय पिलवाल से करीब 27 लाख रुपये 19 फर्जी कंपनियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करवाये. पुलिस ने जब इन बैंक खातों की जांच की तो 58 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन का पता चला. गिरोह का मुख्य सरगना विदेश में रहकर अपने गुर्गों से यहां अपराध करवाता था। पुलिस टीम गिरोह के मुख्य सरगना और अन्य बदमाशों की तलाश में जुटी है.

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने टेलीग्राम पर एक चैनल बनाया और ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को कम समय में पैसा दोगुना करने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते थे. धोखाधड़ी वाली नकदी प्राप्त करने के लिए, उन्होंने मुंबई और गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में कार्यालय किराए पर लिए, फर्जी फर्म पंजीकृत की और बैंकों में खाते खोले ताकि अधिकतम लेनदेन किया जा सके। जो पीड़ित से फर्जी फर्म के नाम पर खोले गए बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करवाता था।


एसपी ने बताया कि आरोपी लोगों को पैसा दोगुना करने का लालच देकर साइबर धोखाधड़ी के जरिए बैंक खातों में हर दिन 2-3 करोड़ रुपये का लेनदेन करते थे. पुलिस से बचने के लिए वे दुबई, कंबोडिया, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों में रहते थे और भारत स्थित अपने गुर्गों की मदद से विदेशी कंपनियों के भारतीय मोबाइल सिम कार्ड सक्रिय करते थे और अपराध करते थे। इसके बाद क्रिप्टो करेंसी और हवाला के जरिए ही लेन-देन किया जाने लगा, ताकि पुलिस की पकड़ में आने से बचा जा सके.