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Dausa मुख्यमंत्री के लौटने के बाद डेरे के टेंट हटाने में जुटे मजदुर, आईटी सेंटर में लगया कैंप

 
Dausa मुख्यमंत्री के लौटने के बाद डेरे के टेंट हटाने में जुटे मजदुर, आईटी सेंटर में लगया कैंप 

दौसा न्यूज़ डेस्क, दौसा सीएम ने गीजगढ़ में लगाया था महंगाई राहत शिविर का जायजा, पीडब्ल्यूडी ने एक दिन के लिए जयपुर से टेंट की व्यवस्था की थी सिकराय गिजगढ़ में महंगाई राहत शिविर का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लौटने के बाद देर शाम से ही मजदूरों ने शिविर स्थल पर लगे टेंट हटाने का काम शुरू कर दिया. जिससे दूसरे दिन सोमवार को लगने वाले शिविर की व्यवस्था भी चरमरा गई। हालांकि अधिकारियों ने आईटी सेंटर में वैकल्पिक टेंट लगाकर सही समय पर कैंप शुरू कर दिया, लेकिन सभी विभागों के अधिकारी उपलब्ध नहीं होने के कारण महंगाई राहत योजनाओं के स्थाई कैंप में ही जन आधार धारकों का रजिस्ट्रेशन किया गया. रविवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर गीजगढ़-कड़ी की कोठी मार्ग स्थित नया कुआं ढाणी में जनसभा के लिए बनाए गए गुंबद के पास मंहगाई राहत शिविर लगाया गया. शाम करीब छह बजे मुख्यमंत्री ने शिविर का निरीक्षण भी किया। लेकिन मुख्यमंत्री के लौटने के बाद ही मजदूरों ने डेरे के टेंट हटाने का काम शुरू कर दिया. जिससे दूसरे दिन सोमवार को लगने वाले कैंप की व्यवस्था बिगड़ गई। सुबह कैंप स्थल से टेंट गायब देख अधिकारी व कर्मचारी भी हैरान रह गए।

उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आनन-फानन में ग्राम पंचायत के आईटी केंद्र में वैकल्पिक टेंट लगवाया गया। इसके बाद कैंप शुरू किया गया। लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को ग्राम पंचायत रानौली व बावनपाड़ा में आयोजित शिविर के चलते दूसरे दिन गिजगढ़ में शिविर को लेकर केवल खाद्यान्न आपूर्ति ही देखने को मिली. हालांकि आईटी केंद्र में संचालित स्थाई कैंप में महंगाई राहत योजनाओं के लिए पंजीयन कराया गया था. अधिकारियों का कहना है कि टेंट की वजह से कैंप प्रभावित हुआ है. कलेक्टर से स्वीकृति लेकर यहां पुन: शिविर लगाने का प्रयास किया जायेगा.

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के सिलसिले में रविवार को कस्बे के आईटी सेंटर से करीब 3 किलोमीटर दूर नया कुआं ढाणी के समीप महंगाई राहत शिविर एवं जनसभा का आयोजन किया गया. लेकिन दूसरे दिन यहां से टेंट हटाने के चलते कैंप को आईटी सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया। जिसके चलते लोग पहले कल आयोजित शिविर स्थल पर गए, उसके बाद उन्हें आईटी केंद्र जाना पड़ा, लेकिन यहां भी सभी विभागों के अधिकारियों के उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.