Aapka Rajasthan

बांदीकुई में बालाजी भक्तों का फूटा गुस्सा! प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी, जानिए क्या है रोड जाम करने की वजह ?

 
बांदीकुई में बालाजी भक्तों का फूटा गुस्सा! प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी, जानिए क्या है रोड जाम करने की वजह ? 

दौसा न्यूज़ डेस्क - मंगलवार सुबह मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के लिए ट्रेनों से बांदीकुई पहुंचे श्रद्धालुओं का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। श्रद्धालुओं ने स्टेशन के बाहर सिकंदरा रोड बस स्टैण्ड पर सड़क जाम कर दिया तथा नारेबाजी कर विरोध जताया। एक समय तो स्थिति यह हो गई कि श्रद्धालु अवैध रूप से संचालित वाहनों के आगे खड़े हो गए। मौजूद लोगों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ तथा यातायात बहाल हुआ। बस व मिनी बस यूनियन के बस संचालक पिछले 10 दिनों से अवैध वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए गोमती व भटिंडा जयपुर एक्सप्रेस से बांदीकुई पहुंचे। वहां बस सुविधा उपलब्ध नहीं होने तथा अन्य वाहन संचालकों द्वारा श्रद्धालुओं से 50 की जगह 100 से 150 रुपए किराया मांगने पर गुस्सा फूट पड़ा तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र बसों का संचालन शुरू करने की मांग की है।

आस्था की यात्रा हो रही है मुश्किल
श्रद्धालुओं का कहना है कि वे अपने परिवार के साथ मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने के लिए बांदीकुई आते हैं। जहां इन दिनों लोग वाहनों पर लटककर यात्रा करने को मजबूर हैं। क्षमता से अधिक सवारियां ले जाने के कारण दुर्घटना का डर हमेशा बना रहता है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, रेवाड़ी, हिसार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब समेत कई राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के लिए यहां आते हैं, लेकिन बसों की हड़ताल के कारण इन दिनों यात्रा में परेशानी हो रही है।

बस व मिनी बस यूनियन ने प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन
इस बीच, बस व मिनी बस यूनियन ने मंगलवार को बस स्टैंड परिसर में धरना देकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस अवसर पर यूनियन अध्यक्ष अशोक चौधरी, उपाध्यक्ष कैलाश पोषवाल, रामकरण चेची, सूरजमल गुर्जर, राजाराम यादव, बहादुर सिंह, मीठालाल, मोहनलाल, मोहर सिंह, राजेंद्र, रमेशचंद, कमल सिंह, हनुमान सिंह, सुरेश, धर्म सिंह सहित बस संचालक मौजूद थे।

नहीं हो रही ठोस कार्रवाई
अवैध वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करना पुलिस, प्रशासन और परिवहन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। आरटीओ ने कार्रवाई के लिए टीम गठित की, लेकिन एक सप्ताह बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। चालकों का कहना है कि उन्हें 65 बसें खड़ी होने पर रोड टैक्स, परमिट और अन्य खर्च देना पड़ रहा है। इससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। यूनियन के पदाधिकारी उपखंड, कलेक्टर, एसपी और आरटीओ को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर 'ढाक के तीन पात' वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।