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Dausa छापेमारी हादसे में शिक्षक के घायल होने के 11 साल बाद 42.92 लाख रु. दावा याचिका खारिज

 
Dausa छापेमारी हादसे में शिक्षक के घायल होने के 11 साल बाद 42.92 लाख रु. दावा याचिका खारिज

दौसा न्यूज़ डेस्क, दौसा घटना 8 फरवरी 2011 की है। उस दिन एक शिक्षक को मार्शल की गाड़ी के चालक ने टक्कर मार दी थी। हादसे में शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया। एसएमएस अस्पताल में 10 फरवरी तक इलाज कराने के बाद तीसरे दिन डिस्चार्ज हो गया। इसके बावजूद घटना के 5 दिन बाद 13 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई। मुआवजे के लिए आवेदक शिक्षिका की ओर से 8-11 अप्रैल को बांदीकुई न्यायालय में 42 लाख 92 हजार 400 रुपये की दावा याचिका पेश की गई थी. करीब 11 साल बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश से सिकराय में नवनिर्मित एडीजे कोर्ट में 26-22 अगस्त को यह याचिका दर्ज की गयी.

अदालत में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से पेश होने वाली अधिवक्ता सीमा भारद्वाज ने दुर्घटना के 5 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज करने पर सवाल उठाया. आवेदक की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मेटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकारी सिकराय के पीठासीन न्यायाधीश प्रदीप कुमार ने दावा याचिका खारिज कर दी. आवेदक मानेहरलाल (42) पुत्र कन्हैयालाल बैरवा निवासी सिकराय सरकारी शिक्षक है। 8 फरवरी-11 को वह मोटरसाइकिल से घर से खेत जा रहा था। इस दौरान जब बृजमोहन सिकराय जाने वाली सड़क पर बसवाल की चक्की के पास पहुंचे तो एक मार्शल के वाहन का चालक तेज गति व लापरवाही से गलत साइड पर आ गया और बाइक को टक्कर मार दी. हादसे में मानेहरलाल गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका 8 से 10 फरवरी तक एसएमएस अस्पताल जयपुर में इलाज चला। 10 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बावजूद तीन दिन बाद 13 फरवरी को दुर्घटना की रिपोर्ट दर्ज की गई। द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की वकील सीमा भारद्वाज ने गवाह के बयान पर सवाल उठाया कि जब पुलिस मौके पर ही पहुंची थी 5-10 मिनट बाद उस घटना को उस दिन की पुलिस लॉगबुक में दर्ज क्यों नहीं किया गया। इसी तरह एक चश्मदीद का कहना है कि मार्शल की कार दुर्घटनास्थल पर खड़ी थी, जबकि एक अन्य चश्मदीद ने कहा कि 15 फरवरी को चाकी सिकराय में जब्त की गई थी. इसी तरह मोटरसाइकिल के निरीक्षण व सुपुर्दगी के आदेश भी 15 फरवरी को ही कर दिए गए थे। सिकराय में पीठासीन न्यायाधीश प्रदीप कुमार द्वितीय ने गवाहों के बयान एवं बीमा कंपनी के अधिवक्ता भारद्वाज की दलीलों को देखते हुए शिक्षक मानेहरलाल बैरवा की ओर से पेश दावा याचिका खारिज कर दी.