Dausa गांधी तिराहा और नगर परिषद में 2 रैन बसेरे, जहां है सभी सुविधाएं
दौसा न्यूज़ डेस्क, दौसा सर्दी की दस्तक के साथ ही रेनबसेरों में हलचल बढ़ने लगी है। पिछले माह तक 5-10 ही लोग ठहरते थे, अब उनकी संख्य बढ़ते हुए 30 तक पहुंच गई है। शहर में गांधी तिराहा और नगर परिषद कैंपस में एक-एक रेनबसेरे हैं। दोनों ही जगह महिला व पुरुषांे के ठहरने के लिए अलग-अलग बड़े हॉल की सुविधा है। लोगों के लिए रजाई गद्दों के 40-40 सैट की सुविधा है। साथ ही दोनों रेनबसेरों में 20-20 पलंग भी हैं। ज्यादा लोग आ जाए तो फर्श की सुविधा है। फर्श पर एक साथ 50-50 लोग सो सकते हैं। रेनबसेरों में ठहरने के साथ जनसुविधा की भी पर्याप्त सुविधा है। पेयजल के लिए आरओ का पानी है। वहीं यात्री सामान रखना चाहे तो उसके लिए लॉकर की सुविधा भी है। बेसहारा व जररुतमंदों की सुविधा के लिए रेनबसेरे 24 घंटे खुले रहते हैं। नगर परिषद के स्तर से 8-8 घंटे की शिफ्ट में संविदा पर 3-3 लोग लगा रखे हैं। उनका काम लोगों की रजिस्टर में एंट्री करने के साथ ओढ़ने-बिछाने के लिए रजाई-गद्दे देना होता है। रेनबसेरों में ठहरने का कोई शुल्क भी नहीं लगता है। रजाई-गद्दों के साथ सभी सुविधा निशुल्क हैं। लोग आधी रात को भी मेन गेट खुलवा कर रेनबसेरों में ठहर सकते हैं। स्टाफ 24 घंटे मौजूद रहता है।
गांधी तिराहे पर रेनबसेरा दूसरे से दिखाई नहीं देता है। कोतवाली थाने की बिल्डिंग की ओट में होने के साथ उसके फ्रंट में विज्ञापन के लिए दो बड़े बोर्ड लगे हैं। साथ ही एंट्री गेट के दोनों ओर फूल विक्रेताओं ने ठेली लगा रखी हैं। प्याऊ भी फ्रंट में ही लगी है। उधर नगर परिषद कैंपस में मैन रोड से करीब 50 फीट अंदर रेनबसेरा है, जहां सामने सभापति के ऑफिस की बिल्डिंग होने से गली जैसे रास्ते से जाना पड़ता है। ऐसे में लोगों की मांग है कि सड़क पर ग्लो साइन बोर्ड लगाए जाए, जिससे वे रात में भी दूर से ही चमके। इससे लोगों को पता चल सके कि यहां रेनबसेरा है।
धर्मशाला में 300 रुपए तक का कमरा, रेनबसेरों में निशुल्क रेनबसेरे का नाम आता है तो लोगों के दिमाग में कुछ अलग ही तस्वीर तैरने लगती है। उन्हें लगता है कि वहां ओढ़ने-बिछाने और जनसुविधा नहीं मिलेगी। ऐसा 20वीं सदी में रहा होगा, लेकिन 21वीं सदी में बहुत कुछ बदल गया है। अब धर्मशाला से बेहतर सुविधा रेनबसेरों में मिल रही है। हाल ही में शहर के दोनों ही रेनबसेरों में फोम के 20-20 गद्दे आए हैं। वहीं पहले से उपलब्ध रजाई-गद्दे भी अच्छे हैं। महिला व पुरुषों के लिए रेनबसेरों में प्रत्येक में 10-10 पलंग की सुविधा है। रेनबसरों में ठहरने पर लोगों की एक पाई नहीं लगती है। सामान रखने के लिए लॉकर की सुविधा भी है। दूसरी ओर धर्मशाला मंे 300 रुपए तक कमरा मिलता है।