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राजस्थान में कल PM Modi की बैठक से पहले चुरू पहुंची अधिकारियों की टीम, इस प्रोजेक्ट पर शुरू किया सर्वे

 
राजस्थान में कल PM Modi की बैठक से पहले चुरू पहुंची अधिकारियों की टीम, इस प्रोजेक्ट पर शुरू किया सर्वे

जयपुर न्यूज़ डेस्क, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 5 अप्रेल को चूरू में चुनावी सभा से पहले वहां यमुना जल प्रोजेक्ट को लेकर अफसरों की टीम सक्रिय हो गई। जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की टीम बुधवार को चुरू के हासियावास गांव पहुंची और इसके आस-पास के बड़े एरिया में वॉक-थ्रू सर्वे शुरू कर दिया। इसी गांव में यमुना के पानी के भराव के लिए 350 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता का रिजर्व वायर बनना है और यहीं से शेखावटी के तीनों जिलों में पानी पहुंचेगा। इनमें चूरू , सीकर और झुंझुनूं जिले शामिल है। इस बीच जयपुर में जल संसाधन विभाग और रेलवे के अफसरों के बीच बैठक हुई, जिसमें रेलवे लाइन के नजदीक से ताजेवाल हैड से पानी की लाइन लाने पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तर पर मिले निर्देश के बाद विभाग ने प्रधानमंत्री के चूरू आने से पहले प्रारंभिक सर्वें शुरू किया है।

इन तीनों जिलों में 24 विधानसभा सीट, भाजपा की झोली में 7 ही...

चूरू लोकसभा से सीकर और झुंझुनूं दो लोकसभा सीट सटी हुई है। इन तीनों लोकसभा क्षेत्र में 24 विधानसभा सीट शामिल है। इनमें से 16 कांग्रेस ने जीती और भाजपा के खाते में 7 सीट ही आई। जबकि, एक सीट बसपा ने जीती थी। भाजपा पीएम की सभा के जरिए चूरू की सभी आठ और झुंझुनूं की चार विधानसभा सीटों को कवर करना चाह रही है। सीकर लोकसभा सीट चूरू से सटी होने के कारण असर यहां भी रहेगा।

प्रोजेक्ट को यूं समझें : 263 किमी. लम्बाई, 342 हेक्टेयर जमीन अवाप्त होगी

- राजस्थान के चूरू , सीकर, झुंझुनूं जिले को हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाले हैड) से 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिल सकेगा।

- इसके लिए ताजेवाला हैड से चूरू के हासियावास गांव तक सीधे पानी की लाइन बिछाई जाती है तो इस रूट की लम्बाई 263 किलोमीटर होगी। इसके लिए 342 हेक्टेयर जमीन पूरी तरह अवाप्त करनी होगी और 631 हेक्टेयर जमीन में से आंशिक अवाप्ति की जाएगी।

- जमीन अवाप्ति कम से कम हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग ने विकल्प तलाशा है। इस रूट पर कई जगह रेलवे लाइन बीच में आएगी। रेलवे लाइन के नजदीक (रेलवे की जमीन) ही पाइप लाइन बिछाना चाह रहे है, ताकि जमीन अवाप्ति कम करनी पड़े। हालांकि, इस स्थिति में पाइप लाइन की लम्बाई 37 किलोमीटर बढ़ जाएगी। यानि, रूट की लम्बाई 300 किलोमीटर हो जाएगी। इसमें करीब डेढ़ सौ किलोमीटर लम्बाई में रेलवे लाइन गुजर रही है।
- प्रोजेक्ट की प्रारंभिक लागत करीब 20 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। हालांकि, डीपीआर बनने के बाद स्थिति साफ होगी।

दिल्ली में खत्म हुआ विवाद

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में 17 फरवरी को दिल्ली में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के बीच विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए एमओयू हुआ था।