Churu सर्दियों में फूलों वाले पौधों की सेहत का बच्चों की तरह रखें ख्याल
चूरू न्यूज़ डेस्क,सर्दियों में बगिया में फूलों के खिलने से बहार रहती है। शरद ऋतु में कई प्रजातियों के रंग- बिरंगे फूल सबको आकर्षित करते हैं। घरों में गमलों सहित छोटी- छोटी क्यारियों में इन दिनों कई तरह के पौधे बेहद खूबसूरत फूलों से लकदक रहते हैं। इसमें सबसे अहम बात ये है कि फूलों के ये पौधे नाजुक होते हैं। इनका जीवन भी महज चार माह का होता है।ऐसे में इन्हें संजीदगी से देखभाल की जरूरत होती है। 85 वर्षीय पर्यावरण प्रेमी व बागवानी के जानकार सुजानगढ़ के रहने वाले सेवानिवृत्त पुस्ताकलयाध्यक्ष नंदकिशोर शर्मा बताते हैं कि सर्दियों में पौधों की नियमित देखभाल करें। उनकी निराई व गुड़ाई के अलावा दो दिन में एक बार हल्की वर्मी कंपोस्ट डालें। सुबह शाम सिंचाई करें। इसके अलावा रात को पाळे से बचाने के लिए उन्हें ढकना जरूरी है। हो सके तो घासफूस जलाकर हल्का धुंआ भी करें।
ये पौधे होते हैं सबसे नाजुक
वयोवृद्ध पर्यावरण विशेषज्ञ नंदकिशोर शर्मा ने बताया कि सर्दियों में खिलने वाले फूलों के सीजनल पौधों में पिटूनिया, गजानिया, कारनेशन, सीनेनेरिया, कैलेंडुला, गुलाब, डायनथश व प्रिमरोज आदि सबसे नाजुक पौधे होते हैं। इनमें खिलने वाले फूल जितने सुदंर होते हैं, इनकी देखभाल के लिए कड़ी मेहनत लगती है। अब तक वे सैंकड़ों घरों में हजारों पौधे लगा चुके। इनके पास लोग रोजाना बागवानी के गुर सीखने आते हैं। इनके घर की बगिया में दो सौ से ज्यादा गमलों में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगे हुए हैं।