Churu कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढ़कर एक कविताएं की पेश, श्रोता झूमे
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू मंसूर चूरूवी की याद में मंसूर अकादमी और राणा वेलफेयर सोसायटी की ओर से भाईजी चौक स्थित राणाजी का नोहरा में ऑल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। चूरू के शायर मंसूर चूरूवी की याद में मंसूर अकादमी और राणा वेलफेयर सोसायटी की ओर से भाईजी चौक स्थित राणाजी का नोहरा में ऑल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुशायरे में कवियों-शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए। शहर इमाम पीर अनवार की अध्यक्षता में हुए मुशायरे में मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक किशन सहाय ने मानवतावादी दृष्टिकोण और उसमें कवियों-शायरों की भूमिका पर चर्चा की।
प्रो. सुरेंद्र सोनी ने मंसूर चूरूवी के व्यक्तित्व पर बात की। शायर लोकेश कुमार साहिल ने कैसे अपनी निभे भाई, तू शोर मैं सन्नाटा, तू भीड़ मैं तन्हाई’ और ‘फिर नींद नहीं आई, फिर रात को जागे हम, फिर धूप निकल आई। उत्तर प्रदेश से आई शायर श्यामा सिंह सबा ने ‘ये अलग बात है कि नज्रे-गम हो गए, तेरी नजरों में तो मोहतरम हो गए। चूरू के मशहूर शायर बनवारीलाल शर्मा खामोश ने अपने चिर-परिचित अंदाज में दोहे और गजलें पढ़कर प्रभाव छोड़ा। राजस्थानी के नामचीन गीतकार भागीरथसिंह भाग्य ने प्रसिद्ध गीत ‘एक छोरी कालती’ सहित अपने चिर परिचित अंदाज में राजस्थानी कविताएं पेश कर मातृभाषा के असर और ताकत को जीवंत किया।
मंडावा के सुरेश कुमार ने डांखला पेश कर श्रोताओं को हास्य रस से सराबोर कर दिया। चूरू के कुमार अजय ने ‘नाहक ही जिगर खोया जख्मों की हिफाजत की, आंसू गर सूख गए, क्या खाक मुहब्बत की। चूरू के उभरते शायर दीपक कामिल ने ‘लोग समझते रह जाएंगे, एक पहेली हो जाएगी, भीड़ को मैंने छोड़ दिया तो भीड़ अकेली हो जाएगी। फतेहपुर के इस्माईल अदीब, चूरू के इदरीश राज खत्री, अब्दुल मन्नान, झुंझुनूं के मुख्तार नफीस, बीकानेर के सागर सिद्दीकी, चूरू की तंजीम बानो ने एक से बढ़कर एक कलाम पढ़े। संचालन इदरीश राज खत्री ने किया। मंसूर अकादमी के अब्दुल मन्नान, राणा वेलफेयर सोसायटी के महमूद राणा, नगरश्री के श्यामसुंदर शर्मा ने कवियों का सम्मान किया। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता रियाजत खान, सरोज हारित, बाबूलाल शर्मा, राजेंद्र शर्मा मुसाफिर, रमेश सोनी, डीवाईएसपी अयूब खान, अनवर खान, इदरीश छींपा, मुबारक अली भाटी, डॉ. एफएच गौरी, एसीएमएचओ डॉ. अहसान गौरी, गुरुदास भारती आदि मौजूद थे।