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Churu उत्सवी माहौल में दीपोत्सव मनाने को तैयार लोगों ने बाजार का रुख किया

 
Churu उत्सवी माहौल में दीपोत्सव मनाने को तैयार लोगों ने बाजार का रुख किया

चूरू न्यूज़ डेस्क,  कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी के साथ ही यहां बन रहे उत्सवीय वातावरण में अंचल दीपावली पर्व की सांस्कृतिक परंपराओं के निर्वहन के लिए तैयार है। अंचल में मकानों की मरमत, रंगाई पुताई और साफ-सफाई के साथ ही नवस्वरूप में आए घरों में दिवाली त्यौहार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैँ। बाजारों में दुकानें, शौ रूप में सज गए हैं तथा धन तेरस पर बाजार होने की अच्छी संभावनाओं को लेकर व्यापारी ग्राहकों के स्वागत के लिए तैयार हैं। हालांकि इस बार दीपावली की तिथि को लेकर जिले में कही पर 31 को तो कही पर एक को दीपावली मनाएं जाने की चर्चा है फिर भी इस पांच दिवसीय दीपोत्सव को लेकर यहां लोग उत्साहित और बाजार में लोग खरीददारी करने के लिए निकल पड़े हैं। रविवार को छुट्टी के दिन शहर के कई बाजरों में ग्राहकों की भीड़ रही जिससे व्यापारियों को अच्छी ग्राहकी होने की उमीद जगी।

सजावटी सामान पर रही ग्राहकी

दीपावली पर घरों को सजाने के लिए लोग सजावटी सामान खरीदने बाजार में निकले तो साज-सज्जा का सामान बचनेवाले दुकानदारों के चहरों पर रौनक दिखी। विशेषकर महिलाएं बाजार में सजावटी शौ रूम आदि दुकानों पर सजावटी फूल, गुलदस्ते, बंदनवार आदि की सामान खरीदती नजर आई। इसके अलावा रेडिमेट कपड़ों की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ नजर आई तो साड़ियों की दुकानों पर महिलाएं खरीददारी करती नजर आई।

दीपक आए बाजार में

दीपावली पर्व पर महालक्ष्मी पूजन पर प्रज्जवलित होनेवाले दीपक बाजार में आ गए हैं। शहर के भीड़भाड़वाले बाजारों में कुंभकार फुटपाथ पर दीपकों सजा लिए है। मिट्टी शिल्पियों ने बाजार में जगह जगह छोटे दीयों के अलावा बड़े दीपक, सराई, कलश और बच्चों के लिए गुल्लक आदि सजाकर रखे हैं तो दीपकों की ढेरियां लगादी हैं। चूरू के प्रतिभानगर के महेश प्रजापत ने बताया कि उन्होंने दीपावली से एक पखवाड़े पूर्व ही दीपक बनाने की तैयारियों में जुट गए और दीपक बनकर तैयार होते ही बाजार में लेकर आए हैं। महेश कहते हैं कि दीपक बनाने के लिए मिट्टी गांव गिनड़ी से आती है एक ऊंट गाड़ी मिट्टी के एक हजार रुपए लगते हैँ। मिट्टी तैयार कर चाक पर दीपक और अन्य समान बनाकर न्याही में पकाया जाता है। पकने के बाद उन्हें तैयार कर बाजार में लाकर बेचते हैँ तो मजदूरी हो जाती है।

चिड़वा, खीचियां की बहार

दीपावली पर बनने वाली विशेष रसोई के लिए लोगों ने बाजार में खरीददारी शुरू कर दी हैं। किराणा की दुकानों पर रविवार को अच्छी ग्राहकी दिखाई दी। मिष्ठान बनाने के समान के साथ नमकीन बनाने की सामग्री में चिड़वा, खीचिया, चिप्स, मूंगफली आदि की काफी मांग रही। इसके अलावा काजूं, दाखा आदि मेवा की खरीददारी करते लोग नजर आए।दीपोत्सव पर राम राम सा करनेआने वाले मेहमाननवाजी के लिए तैयार लोगों ने कप प्लेट आदि की दुकानों पर खरीददारी करनी शुरू की। बाजार में कप प्लेट सहित विभिन्न प्रकार के चीनी मिटटी के समान की खरीददारी करती महिलाओं और लोग मोलभाव करते नजर आए।

सजी पटाखों की दुकाने

वैसे तो दीपावली पर आतिबाजी की परंपरा नहीं रही है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां पटाखे फोड़ने का प्रचलन बढ़ा है। इसलिए बाजार में पटाखे बेचनेवालों की दुकान विभिन्न प्रकार के पटाखों से सज गई हैं। हालांकि पहले पटाखों में केवल टिकड़ी, फूलझड़ी, छोटे पटाखे, अनार या फिर हल्के पटाखें हुआ करते थे लेकिन अब पटाखों में अने वैराइटी बाजार में आ गई हैं। युवाओं का रुझान भी पटाखों की ओर बढ़ा है।