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Churu में सिर्फ 44 फीसदी स्कूलों में हुई मेगा पीटीएम, भीलवाड़ा टॉप पर

 
Churu में सिर्फ 44 फीसदी स्कूलों में हुई मेगा पीटीएम, भीलवाड़ा टॉप पर
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में शुरू की गई टीचर-अभिभावक बैठक (पीटीएम) को लेकर सरकारी स्कूल कितने संजीदा हैं, इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि नौ जिलों में साठ प्रतिशत से कम, तो छह जिलों में अस्सी प्रतिशत से अधिक स्कूलों में मेगा पीटीएम हो पाई है। जबकि 18 जिलों में साठ से अस्सी प्रतिशत तक स्कूलों में पीटीएम हुई है। भीलवाड़ा के अभिभावकों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है। चूरू के अभिभावकों की रुचि कम नजर आई है। यहां पर महज 44 फीसदी स्कूलों में ही मेगा पीटीएम हुई। गत दिनों इस शिक्षा सत्र की अंतिम मेगा पीटीएम 22 मार्च को आयोजित की गई थी। इस पीटीएम में शिक्षकों ने अभिभावकों को विद्यार्थी की पढ़ाई की प्रगति एवं कमजोरी के बारे में जानकारी दी। प्रदेश के नौ जिलों की स्थिति तो यह थी कि वहां के अभिभावकों ने कोई रुचि ही नहीं दिखाई। यही स्थिति स्कूल प्रशासन की भी है, जहां पर साठ प्रतिशत से कम पीटीएम का आयोजन किया गया था। जबकि पीटीएम के लिए शिक्षा विभाग ने कई निर्देश जारी किए थे। हालांकि कई स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं संचालित होने को भी इसका कारण माना जा रहा है।

अब स्कूलों में आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और पांचवीं बोर्ड परीक्षाएं इसी माह शुरू होने वाली हैं।

बीकानेर के 50 फीसदी ने जानी बच्चों की प्रगति

बीकानेर जिले के स्कूलों में हुई पीटीएम की बात करें, तो यहां पर लगभग आधे अभिभावकों ने ही अपनी भागीदारी निभाई। जिले में 75 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई थी। इसमें 50 प्रतिशत अभिभावकों ने उपस्थिति दर्ज कराई।

इन जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में पीटीएम

प्रदेश के छह जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई। इसमें श्रीगंगानगर में 81, बारां में 82, भरतपुर 85, झालावाड़ 86, बूंदी 86 तथा भीलवाड़ा में 93 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई।

नौ जिलों में यह हाल

नौ जिलों में साठ प्रतिशत या उससे कम स्कूलों में पीटीएम हुई। इसमें चूरू में 44, डूंगरपुर 49, जोधपुर 50, बांसवाड़ा 50, सिरोही, बाड़मेर तथा झुंझुनूं 56, अजमेर 59 तथा जयपुर में 60 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई।