Churu जिले में मानसून की बारिश ने बनाया कीर्तिमान, औसत बारिश
केवल मानसून सत्र में हुई 527 मिमी बारिश
वर्ष 2023 में पूरे साल वर्षा का औसत 512 मीमी. रहा लेकिन इस औसत को तो केवल मानसून सत्र की बारिश ने ही पार कर दिया। जून माह में सक्रिय हुए मानसून की बारिश का सितम्बर के प्रथम पखवाड़े तक दौर चला। करीब तीन माह अंतराल दर बादल बरसते रहे और मानसून सत्र में जिले में 527 मिमीं बारिश रिकार्ड की गई।
चूरू में हुई सर्वाधिक बारिशगर्मी में 50 डिग्री तापमान का कीर्तिमान बनाएं रखने वाले चूरू में इस बार बारिश का रिकार्ड भी पीछे नहीं रहा। चूरू में इस मानसून सत्र में 625 मिमी बारिश हुई और जनवरी से अब तक 659 मिमी बरसात दर्जँ की गई है। जबकि पिछले पूरे वर्ष भर में 494 मिमी. बारिश हुई थी।
तीन तहसीले रही पीछे
जिले में मानसून की बारिश अच्छी हुई तथा रिकार्ड भी बना लेकिन इसके बावजूद सरदारशहर, सुजानगढ़ और बीदासर पिछले वर्ष के मुकाबले अब तक पीछे है। हालांकि इस साल में तीन माह शेष है और गत वर्ष के मुकाबले थोड़ा पीछे है। सरदारशहर में पिछले वर्ष 432 मिमी.बारिश हुई और इस बार यहां अभी चल रहे सितम्बर माह तक 384 मिमी बारिश हुई हैं। सुजानगढ़ में पिछले वर्ष 505 मिमी. के मुकाबले 446 मिमी. बारिश हुई हैं। बीदासर तहसील में पिछली वर्ष 752 मिमी बारिश का कीर्तिमान बना था लेकिन इस बार अभी तक 490 मिमी बारिश हुई हैं।
भानीपुरा में खूब बरसा पानी
जिले के अन्य क्षेत्रों में खूब पानी बरसा जिसके क्रम में भानीपुरा में जहां गत वर्ष 390 मिमी बारिश हुई थी वहीं इस बार जनवरी से मानसून सत्र सहित अब तक 632 मिमी बारिश हो चुकी है। रतनगढ़ में गत वर्ष के 636 के मुकाबले इस वर्ष 642 मिमीं, राजगढ़ में गत वर्ष के 375 के मुकाबले 472 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। तारानगर में गत वर्ष 567 मिमी बारिश हुई थी जो इस बार अब तक 641 मिमी. सिद्धमुख में 468 के मुकाबले 533 तथा राजलदेसर में 514 मिमी बरसात दर्ज की जा चुकी हैं।
बंफर फसल की उम्मीद
मानसून की अच्छी बारिश होने का जिले में असर यह है कि इस बार खरीफ की फसल अच्छी होने की उम्मीद बताई जा रही है। तीखी गर्मी और नोतपा में तपी मरुधरा पर ज्यौही मानसून मेहबान हुआ त्योंही खेतों की व्याप्क बुवाई हुई। जैसी की किसानों की मान्यता रही है नौ तपा अच्छा तपने से कीट आदि का प्रकोप कम हो जाता है और यह अवधारणा कुछ हद तक सही भी निकली की इतना पानी बरसने के बाद भी कीटों का प्रकोप कम रहा। मौसम के जानकारों की माने तो बारिश के साथ साथ तापमान बने रहना भी उपयोगी साबित हुआ। अब आसोज माह चल रहा है और मूंग मोठ आदि पकी फसलों की कटाई का कार्य गति के साथ हो रहा है।
बढ़ेगा रबी का रकबा
कृष विभाग के सहायक निदेशक कुलदीप शर्मा ने बताया कि इस बार गत वर्ष के मुकाबले अच्छी बारिश हुई हैँ। बरसात का अंतराल भी फसलों के अनुकूल होने के कारण खरीफ फसल के अच्छे उत्पादन होने की उम्मीद है। मुख्यत: मूंग, मोठ और बजारा का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने की संभावना है।