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राक्षसों के विनाश का इतिहास और चमत्कारी शक्तियों का रहस्य, वीडियो में देखें मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के चमत्कार

 
राक्षसों के विनाश का इतिहास और चमत्कारी शक्तियों का रहस्य, वीडियो में देखें इस मंदिर के चमत्कार 

चूरू न्यूज़ डेस्क, भारत को विभन्न सभ्यताओं वाला देश माना जाता है. जहां अलग- अलग धर्म और संस्कृति का वास है. भारत की यही खूबसूरती दुनिया के कोने – कोने में मशहूर है. देश में काफी सारे धार्मिक स्थल हैं जो काफी अलग-अलग मान्यताओं के लिए मशहूर हैं. आज हम ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बात करने जा रहे हैं जो लोगों के बीच कई धारणाओं के चलते मशहूर हैं. ये राजस्थान मेहंदीपुर में स्थित बालाजी मंदिर है. इस मंदिर की शुरुआत कैसे हुई? क्यों मशहूर है और इससे जुड़े रोचक तथ्य क्या हैं. आइए यहां जानें


बाला जी मंदिर के बारे में

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है. बाला जी मंदिर हनुमान जी को समर्पित है. हिंदुओं में हनुमान जी को बाला जी भी कहा जाता है. मेहंदीपुर बालाजी श्रद्धालुओं के लिए काफी कल्याणकारी माना जाता है. श्रद्धालुओं का ऐसा विश्वास है कि यहां ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिस वजह से भूत प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है.

इससे जुड़ा इतिहास क्या है

ये मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. जिसके इतिहास से जुड़ी एक कहानी काफी प्रचलित है. इस मंदिर में तीन देवता लगभग 1000 साल से यहां विराजमान है. ऐसा माना जाता है कि अरावली पहाड़ियों के बीच हनुमान भगवान की मूर्ति अपने आप बनी हुई है. इसे किसी कलाकार की ओर से नहीं बनाया गया है. साथ ही माना जाता है कि इस मंदिर के पुराने महंत को एक सपना आया था. सपने में उन्होंने तीन देवताओं को देखा था. जिसे बाला जी के मंदिर निर्माण का संकेत माना जाता है. जहां महंत जी को ये आदेश दिया गया कि वे सेवा करके अपने कर्तव्य का निर्वहन करे. जिसके बाद से यहां भगवान हनुमान की पूजा अर्चना शुरू कर दी गई और फिर बाद में तीन देवता वहां स्थापित हो गए.

यहां जाने के बाद कैसा महसूस होता है

इस मंदिर में जाने के बाद लोगों ने अपने आस-पास अलग ही तरीके का वातावरण महसूस किया है. हालांकि ये गांव गर्म वातावरण में स्थित है. लेकिन मान्यता है कि यहां जाने के बाद आपको अपनी बैक स्पाइन में एक ठंड का एहसास होगा. दूसरी चीज़, आप यहां कभी भी जाएं भीड़ कम नहीं मिलेगी.

लोगों की तेज आवाज

बाकी मंदिरों की तरह आप यहां किसी घंटियों की आवाज नहीं सुनेंगे. बल्कि आप यहां आदमी और औरतों के तेज-तेज चिल्लाने की आवाज  सुनेंगे, जो आपको डरा सकती हैं. हालांकि, माना जाता है कि यह सभी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी एक प्रक्रिया है.

संकट मोचन
माना जाता है कि हनुमान जी सारी समस्याओं का निवारण करते हैं. यहां आप मंदिर के बाहर देखेंगे की दुकानदार कुछ चीज़ें देते हैं. जिसको आपको अपने शरीर पर से 5 उतराना होता है और फिर इसे आग में डाल दिया जाता है. जिसके बाद हनुमान जी से प्रार्थना की जाती है. यानि संकट मोचक ही लोगों के तारणहार हैं.

मंदिर का माहौल
कहा जाता है कि ये जगह कमजोर दिल वालों के लिए बिलकुल भी नहीं. यहां आपको डर भी लग सकता है. इस मंदिर की बनावट अपने आप इसकी कहानी कहती है. यहां 4 चैंबर बने हुए हैं. पहले दो चैंबर हनुमान जी और भैरव की मूर्ती दिखाई देगी. जबकि आखिरी हॉल में बहुत सारे महिलाएं और पुरुष दिखाई देंगे, जिन पर प्रेत का साया बताया जाता है. इससे जुड़ी धार्मिक प्रक्रियाएं इस कक्ष में दिखाई देंगी.

कभी वापस नहीं मुड़कर देखना चाहिए
मान्यता के अनुसार- जब भी यहां से जाने के लिए तैयार हों तो याद रखें कि आप कोई भी खाने की चीज जैसे प्रसाद या पानी की एक बूंद भी वापस न लेकर आएं. यहां लोगों से बात नहीं की जाती और उन्हें छुआ भी नहीं जाता है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बहुत से लोगों में प्रेत होते हैं जिनसे आप भी प्रभावित हो सकते हैं.

अनिवार्य नियम

1.) मंदिर के अंदर अजनबियों को न छुएं न और बातचीत न करें

2.)  मंदिर के अंदर कुछ भी न खाएं-पिएं

3.) मंदिर जाने से पहले प्याज या नॉन वेज खाना न खाएं

4.) गांव से वापस जाते समय कोई भी प्रसाद या अन्य सामग्री न ले जाएं

5.) मंदिर से जाते समय पीछे मुड़कर न देखें