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Churu सरकारी स्कूलों में खाली हैं गुरुजी के पद, कैस हो बच्चों की पढ़ाई

 
Churu सरकारी स्कूलों में खाली हैं गुरुजी के पद, कैस हो बच्चों की पढ़ाई
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू  तबादला नीति, डीपीसी व सेटअप परिवर्तन की कमी से चर्रमराई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी कोढ़ में खाज बनती जा रही है। इसका अंदाजा यूं लगा सकते हैं कि जिले की 668 उच्च माध्यमिक स्तर व महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों में लंबे समय से प्रधानाध्यापकों व विभिन्न श्रेणियों के 1478 शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। बोर्ड की परीक्षाएं सर पर हैं। अभी तक बच्चों का आधे से अधिक पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है। जिसके चलते अभिभावकों की माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। अब अभिभावक प्रदेश की नई सरकार का मुहं ताक रहे हैं कि जल्द शिक्षकों की कमी पूरी हो तो उनके नौनिहालों की पढाई अच्छे से हो सके। जिससे उनके परीक्षा में अंकों के गणित का आंकड़ा ऊपर उठ सके।

ढ़ाई हो रही बाधित

प्रदेश में व्याख्याताओं व सैकंड ग्रेड शिक्षकों के 66 हजार से ज्यादा पद रिक्त होने से कक्षा 10 वीं व 12 वीं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। हालात ये हैं कि एक दशक में क्रमोन्नत स्कूलों में अनिवार्य हिंदी और अंग्रेजी के तो व्याख्याता के पद ही अ अब तक सृजित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कोर्स पूरा करवाने के लिए कई स्कूलों को बीएड इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों तक का सहारा लेना पड़ रहा है।

यूं बिगड़ी सरकारी स्कूलों की सेहत

शिक्षकों के खाली पदों के अलावा सरकारी स्कूलों की सेहत समय पर तबादला, पदोन्नति, सेटअप परिवर्तन व स्टाफिंग पैटर्न लागू नहीं होने से भी बिगड़ गई है। प्रदेश में पिछले तीन साल से वरिष्ठ शिक्षकों व व्याख्याताओं की पदोन्नति नहीं हो पाई है। तबादला नीति का ड्राफ्ट भी एक दशक से ज्यादा से अटका हुआ है। सेटअप परिवर्तन 2019 तो स्टाफिंग पैटर्न 2016 के बाद से नहीं हुआ है।

जिले में इतने पद चल रहे रिक्त

प्रधानाचार्य :151

व्याख्याता : 298

वरिष्ठ अध्यापक : 767

एल-2 शिक्षक : 173

एल-1 शिक्षक :119