Churu यमुना जल समझौता भी नहीं बचा सका भाजपा की लाज
चूरू न्यूज़ डेस्क, विधानसभा चुनाव में शेखावाटी में कमजोर प्रदर्शन के बाद भाजपा की ओर से लोकसभा से ठीक पहले यमुना जल प्रोजेक्ट के जरिए यहां के किसान मतदाताओं में सेंधमारी की पूरी कोशिश की गई। लेकिन भाजपा लोकसभा चुनाव में भी सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले में यमुना जल प्रोजेक्ट की राहत को भुनाने में भी पूरी तरह असफल रही। हर घर से जुड़े यमुना नहरी पानी के मुद्दे पर भाजपा नेताओं ने चुनावी सभाओं में जमकर सियासी तीर चलाए, लेकिन वह जनता को इस योजना का रोडमैप नही बता सके। इसलिए कांग्रेस और माकपा शेखावाटी में भाजपा के मजबूत गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों में भी सेंधमारी करने में सफल हो गई। शेखावाटी की तीनों सीट हारने के बाद अब यमुना पानी के भविष्य को लेकर आमजन चिन्ता में है। हालांकि इस परियोजना का एमओयू होने के बाद काम शुरू होने का दावा भी भाजपा की ओर से किया गया था।
भाजपा की आभार यात्रा भी बेअसर
यमुना पानी के लिए एमओयू होने पर सीएम भजनलाल शर्मा की ओर से शेखावाटी में आभार यात्रा भी निकाली थी। आभार यात्रा के बाद संगठन के साथ विधायकों की ओर से कार्यक्रम किए गए। लेकिन यह यात्रा भी शेखावाटी मे बेअसर साबित हुई। सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले के ज्यादातर क्षेत्र डार्कजोन में है। शेखावाटी के कई क्षेत्रों में 15 से 25 घंटे में एक बार पेयजल सप्लाई मिलती है। जलदाय विभाग की टैंकर सप्लाई भी लोगों को राहत नहीं दे पा रही है। लोग अपने स्तर पर टैंकर मंगाकर सूखे हलक तर करने पर मजबूर है।
गारंटी पर इसलिए उठ रहे सवाल
लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी से लेकर कांग्रेस ने जनता को कई तरह की गारंटी दी। भाजपा ने शेखावाटी को यमुना का पानी लाने की गारंटी दी है। जनता की चिन्ता यह है कि कुम्भाराम लिफ्ट पेयजल योजना से लेकर यमुना नहरी पानी के मामले में पिछले 20 साल से सियासत जारी है, लेकिन लोगों को अभी तक पानी नहीं मिल सका है। वहीं किसानों की चिन्ता यह है कि पीने के साथ जब तक सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा तब तक कैसे आमदनी दोगुनी होगी।