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Churu ये कैसा अस्पताल, .बच्चों के वार्ड की पीओपी सीलिंग गिरी

 
Churu ये कैसा अस्पताल, .बच्चों के वार्ड की पीओपी सीलिंग गिरी
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू जिले के सबसे बड़े राजकीय डीबी अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आई है। जहां एक महीने के भीतर दूसरी बार रविवार की सुबह 10 बजे अस्पताल की एमसीएच विंग के पीकू वार्ड की सिलिंग भर भराकर गिर गयी। अचानक हुए हादसे के बाद इसके बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से आनन-फानन में वार्ड को खाली करवाया गया। वार्ड में उपचाराधीन बच्चों को सामान्य पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया गया। शहर की गूदड़बास की रहने वाली मोनिका ने बताया कि उसका पांच माह का बेटा वार्ड में भर्ती है। हादसे में वह बाल-बाल बचा है। अस्पताल में मौजूद लोग बोले ये कैसा मौत का अस्पताल बन गया है। यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। जिम्मेदार बेपरवाह हैं। इधर, अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा जा रहा है कि मामले की जांच करवाई जाएगी। संबंधित ठेकेदार को बुलाकर सही ढंग से पीओपी छत का निर्माण करवाया जाएगा।

परिजन बनें ढाल, बच्चों की बचाई जान

प्रत्यक्षदर्शी मोनिका ने बताया हादसे के वक्त वार्ड में 12 बच्चे भर्ती थे। उनके परिजन भी मौजूद थे। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले की पीओपी सिलिंग की प्लेटें एकाएक गिरने लगीं। इसके बाद बच्चों के परिजन ढाल बनें, जिससे प्लेटें उनके ऊपर गिरने लगी। तारानगर के गांव भांभरा की अनिता अपने बच्चे को बचाने के चक्कर में घायल हो गई। उसके सिर पर चोट लगी है। परिजन खुद ही बच्चों के ऑक्सीजन मास्क हटाकर उन्हें बचाकर वार्ड से बाहर लाए। एमसीएच विंग में मौजूद पैरा मेडिकल स्टॉफ व चिकित्सकों ने बच्चों को सामान्य पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया।

पांच दिन से टपक रहा था पानी

पीकू वार्ड की सिलिंग में सीलन आई हुई थी। पांच दिन से लगातार वार्ड में पानी टपक रहा था। गांव दूधवाखारा की विमला राठौड़ ने बताया कि उसका बच्चा वार्ड में भर्ती है। पीओपी सिलिंग से पांच दिन से पानी टपक रहा था। इसकी शिकायत वार्ड में मौजूद पैरा मेडिकल स्टाफ से भी की थी। वार्ड के स्टॉफ ने बताया कि अस्पताल अधीक्षक को करीब पांच बार प्रार्थना पत्र देकर समस्या से अवगत करवा चुके। मगर, कोई सुनवाई ही नहीं हुई।

गत वर्ष 6 दिसम्बर को भी राजकीय डीबी अस्पलाल की एमसीएच विंग के पीकू वार्ड में पीओपी छत भर भराकर गिर गई थी। उस समय एक चार माह का शिशु बाल- बाल बचा था। उस समय अस्पताल प्रबंधन की ओर से मजबूत सिलिंग लगाने का दावा किया था। अब लोग अस्पताल प्रबंधन की गंभीरता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक माह बाद दूसरी बार हादसा हुआ है। पहले हादसे के बाद अगर अस्पताल प्रबंधन चेत जाता और समय रहते कार्रवाई करता तो ये हादसा ना होता। हादसे में अगर किसी बच्चे की जान चली जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। एमसीएच विंग के पीकू वार्ड की पीओपी की सिलिंग गिर गई। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। पूर्व में भी ये छत गिर गई थी। अस्पताल अधीक्षक को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। मैं फिलहाल बाहर हूं। आने के बाद पूरी स्थिति के बारे में जानकारी लूंगा। संबंधित ठेकेदार को भी बुलाया गया है। छत का निर्माण नए सिरे से करवाया जाएगा।