Churu समय पर एक और बारिश का इंतजार अच्छी हो सकती है मूंग की पैदावार
बढ़ रहा है हाई ब्रीड बीज का प्रचलन
मंगलवार को साहवा के उत्तरी दिशा में गैर आबाद गांव किकराली चारणान में की ढाणियों में एक किसान के मौताणे पर बैठे किसान भागीरथदान बारठ, भूराराम नैण, संतदान चारण आदि ने बरानी किसानी पर चर्चा करते हुए बताया कि पहले किसान अपने खेत में हुई खरीफ व रबी दोनों मौसम की फसलों में अच्छे पके हुए अनाज से अपने खेतों की बुआई की जरूरत के अनुसार बीज तैयार कर अलग रख लेते थे। अब बरानी खेती में भी कम बरसात और कम समय में पकने वाले उन्नत किस्म के हाई ब्रीड बीज का चलन बढा है तब से यहां के किसानों ने रबी के सीजन में चने की परम्परागत की जाने वाली बुआई के लिए खेत की जमीन में नमी दबा कर की जाने वाली चने की खेती करनी ही बंद कर दी है।
मानसून की बरसात आने में हुई देरी
किसानों का कहना है कि इस बार साहवा व आसपास के गांवों में मानसूनी बरसात देरी से हुई जिसके चलते इस बार यहां खरीफ के मौसम में अगेकी बोया जाने वाला बाजरे की बुआई कम हुई हैँ। जून के अंतिम पखवाड़े से शुरू हुई कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बरसात के थोड़े थोड़े अंतराल से अब तक जारी रहने से बरानी खेती पर निर्भर जिन किसानों ने जून में मूंग की बुआई कर दी। उनके खेतों में मूंग की फसलें अभी तक अच्छी खड़ी हैं। किसानों के अनुसार अगस्त व सितम्बर के प्रथम पखवाड़े में एक दो बरसात हो गई तो उन खेतों में मूंग की अच्छी पैदावार होने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता। साहवा के किसान उदाराम मेघवाल, बृजलाल शर्मा, मदनलाल सैनी आदि ने बताया कि अगर हल्की भारी दो बरसात और हो गई तो ये एक बीघा जमीन में कम से कम डेढ से दो किंवटल मूंग हो जायेंगे। अनाज व्यापारी हनुमान प्रसाद पारीक व परचून व्यापार नवल दुदानी ने बताया कि वर्तमान में मूंग का बाजार भाव 8 हजार से 82 सौ रूपए प्रति क्विंटल है। इस भाव से प्रति बीघा 16 साढे 16 हजार रुपए की नकद पैदावार हो सकती है।
