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Churu खारे पानी वाला चूरू सौंफ उत्पादन का हब बन सकता है

 
Churu खारे पानी वाला चूरू सौंफ उत्पादन का हब बन सकता है
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू लवणीय पानी वाला चूरू जिला अब सौंफ के उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा हब बन सकता है। इसके लिए किए गए शोध में अच्छे परिणाम सामने आए हैं। लवणीय पानी वाले चूरू, बीकानेर, नागौर, बाड़मेर, जोधपुर व जैसलमेंर में भी सौंफ के उत्पादन की प्रचूर संभावनाएं हैं। इसके लिए बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर में विगत तीन वर्षों से लवणीय जल अर्थात खारे पानी में सौंफ की खेती पर किए जा रहे शोध किया जा रहा है।

तीन साल से किया जा रहा था रिसर्च

एसकेआरएयू, बीकानेर के कुलपति डॉ.अरुण कुमार का कहना है कि कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर में गत तीन वर्षों से लवणीय जल खारे पानी में सौंफ की खेती पर किए जा रहे रिसर्च के अच्छे परिणाम आए हैं। सौंफ की किस्म आर एफ 290 में लवणीय जल बूंद-बूंद सिंचाई से 9 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन प्राप्त हुआ है। कुलपति डॉ. कुमार बताते हैं कि इस अनुसंधान से ना केवल राज्य के मसाला उत्पादक किसानों को लाभ होगा, बल्कि भविष्य में सौफ का क्षेत्रफल एवं उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिलेंगी।

मसाला फसलों के प्रति बढ़ रहा है आकर्षण

कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एसआर यादव का कहना हैं कि बीकानेर जिले में किसान मसाला फसलों की तरफ काफी आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे में कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के लवणीय जल में सौंफ की खेती को लेकर गत तीन वर्षों के अनुसंधान से आए सकारात्मक परिणाम से जिले में सौंफ की खेती को एक विकल्प के रूप में लिया जा सकता है। प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ भूपेन्द्र सिंह बताते हैं कि विद्युत चालकता ईसी 4 डेसी मीटर तक के पानी को बूंद बूंद सिंचाई के जरिए उपयोग में लेकर सौंफ की किस्म आरएफ 290 के जरिए 9 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उत्पादन लिया जा सकता है।