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राजस्थान में स्कूटी हटाने के विवाद में भड़की हिंसा! 6 लड़कियों ने मिलकर मालिक और किराएदार को बुरी तरह पीटा, जाने क्या है मामला ?

 
राजस्थान में स्कूटी हटाने के विवाद में भड़की हिंसा! 6 लड़कियों ने मिलकर मालिक और किराएदार को बुरी तरह पीटा, जाने क्या है मामला ?

चित्तौड़गढ़ के प्रताप नगर के फव्वारा चौक पर रविवार रात को हंगामा हो गया। घर के बाहर रखी स्कूटी हटाने की मामूली बात पर विवाद हो गया। 6 लड़कियों ने एक लड़की के साथ मारपीट की। इतना ही नहीं, मारपीट करते हुए घर में भी घुस गईं। विवाद होते देख मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे सड़क पर जाम लग गया। सूचना मिलते ही पुलिस ने आकर भीड़ को हटाया। मामले को लेकर देर रात तक सदर थाने पर भीड़ जमा रही। काफी समझाइश के बाद जब दोनों पक्ष नहीं माने तो दोनों पक्षों की ओर से रिपोर्ट ली गई।

आगे की कार्रवाई के लिए सोमवार दोपहर सभी को थाने बुलाया गया। मामला सदर थाना क्षेत्र का है। स्कूटी हटाने की बात पर हुआ था विवाद दरअसल, फव्वारा चौक के पास एक पिज्जा का ठेला खड़ा रहता है। जहां रात को कीरखेड़ा की 6 लड़कियां पिज्जा खाने आई थीं। इन लड़कियों के पास 4 स्कूटी थीं। इन सभी ने एक घर के गेट के बाहर अपनी स्कूटी खड़ी कर दी। इसी मकान में किराए पर रह रही भूमि गुजराती बाहर से आई और अन्य लड़कियों से अपनी स्कूटी वहां से हटाने को कहा। ताकि वह अपनी स्कूटी घर के अंदर खड़ी कर सके। लेकिन लड़कियों ने मना कर दिया और इसके बाद विवाद हो गया।

घर में घुसकर मालिक और किराएदार को पीटा
विवाद मारपीट में बदल गया और 6 लड़कियों ने भूमि को पीटना शुरू कर दिया। खुद को बचाने के लिए भूमि घर के अंदर भागी। लेकिन लड़कियां उसे पीटने के लिए घर में घुस गईं। इधर, मकान मालकिन नीलम तारवानी पत्नी हीरानंद ने जब यह देखा तो वह बीच-बचाव करने आई। लड़कियों ने उसे भी पीटा।

दोनों पक्षों ने दी रिपोर्ट
इधर, गुस्साई 6 लड़कियों ने अपने इलाके से कई लोगों को मौके पर बुला लिया। इससे मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। व्यस्ततम रोड पर जाम लग गया। मौके पर पुलिस को बुलाया गया। सदर थाना पुलिस ने पहुंचकर भीड़ को हटाया। फिर दोनों पक्षों को सदर थाने बुलाया गया। देर रात तक सदर थाने पर भारी भीड़ नजर आई। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन दोनों पक्ष सहमत नहीं हुए। ऐसे में दोनों पक्षों से रिपोर्ट ली गई और सोमवार दोपहर को फिर बुलाया गया। एक परिवाद रेशमा पुत्री मथुरालाल माली की ओर से लिया गया। दूसरा परिवाद नीलम तारवानी की ओर से लिया गया।