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Chittorgarh दुर्ग के चतरंग मोरी से मोहर मंगरी तक रोपवे को आखिरकार हरी झंडी मिल गई

 
Chittorgarh दुर्ग के चतरंग मोरी से मोहर मंगरी तक रोपवे को आखिरकार हरी झंडी मिल गई

चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ प्रदेश के बजट में आखिर ओर से उठाए गए चित्तौड़ दुर्ग पर रोप-वे की दरकार के मुद्दे पर सरकार की मुहर लग गई। सुझाव पर तत्कालीन जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने रोप-वे का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा था। चित्तौड़ दुर्ग पर पर्यटन की दृष्टि से रोप-वे का निर्माण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रयास भी हुए पर उस समय जनप्रतिनिधियों के रूचि नहीं दिखाने से बात आगे नहीं बढ पा रही थी। 10 जुलाई 2023 से लगातार अभियान चलाकर समाचार प्रकाशित किए थे कि समय के साथ शहर की आबादी बढी है और यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संया भी। पर्यटन सीजन में दुर्ग पर जाने वाले मार्ग पर घंटों तक वाहनों की कतारें और जाम लगा रहता है।

यह समस्या काफी पुरानी है। इसकी वजह यह भी है कि दुर्ग पर जाने और आने का एक ही मार्ग है। पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले दुर्ग पर रोप-वे निर्माण का सुझाव दिया था। इसे अच्छा सुझाव मानते हुए तत्कालीन जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने रोप-वे को लेकर दुर्ग का निरीक्षण भी किया था और बाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक को इस संबंध में पत्र भी लिखा। चित्तौड़ दुर्ग पर भ्रमण के लिए प्रतिदिन काफी संया में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। दुर्ग पर पहुंचने के लिए वाया पाडन पोल सिर्फ एक ही मार्ग होने से आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दुर्ग की तलहटी में स्थित मोहर मंगरी से दुर्ग स्थित चतरंग मोरी तक रोप-वे निर्माण कराने का प्रस्ताव भी लिया था।

अब रोप-वे के निर्माण से दुर्ग पर आने वाले पर्यटकों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। इससे आए दिन होने वाले जाम से आमजन को निजात मिलेगी। यह कार्य प्राचीन दीवारों एवं स्मारकों से दूरी बनाते हुए किया जाएगा एवं पुरातात्विक स्मारकों को संरक्षित रखते हुए किया जाएगा। रोप-वे निर्माण की सैद्धान्तिक स्वीकृति की मांग भी जिला प्रशासन ने की थी। ताकि, रोप-वे को लेकर डीपीआर तैयार हो सके।