470 साल पुराने गांव में अचानक सन्नाटा! क्या है वो वजह जिससे घर छोड़ खेतों में रहने लगे लोग?

470 साल पहले बसे एक गांव में पिछले 3 दिन से सन्नाटा पसरा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब से गांव बसा है, तब से इसकी तरक्की नहीं हो पाई है। ऐसे में गांव की तरक्की के लिए सामूहिक निर्णय के बाद ग्रामीणों ने 3 दिन के लिए गांव छोड़ दिया है और सीमा पर रहने लगे हैं। मामला चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ीसादड़ी उपखंड क्षेत्र के देवड़ा गांव का है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव पर आसुरी शक्तियों का प्रभाव होने से गांव की तरक्की बाधित हो रही है। ऐसे में लोगों ने तीन दिन से गांव खाली कर दिया है और अपने खेतों पर डेरा जमाए हुए हैं।
470 साल से कोई सरकारी नौकरी नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में जब भी किसी मकान की नींव खोदी जाती है तो हड्डियां, कोयला, कंकाल, मिट्टी के बर्तन समेत कई पुरानी चीजें निकलती हैं। गांव को बसे 470 साल हो गए हैं लेकिन आज भी गांव में कोई सरकारी नौकरी में नहीं है। गांव के कई युवाओं ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है, लेकिन वे बेरोजगार हैं। यहां के कुछ लोग विदेश में भी काम करते हैं, जबकि गांव के लिए ठेकेदारी कर लोग खूब मुनाफा कमाते हैं, लेकिन फिर भी गांव तरक्की नहीं कर पाया। ऐसे में ग्रामीण 3 दिन गांव से बाहर रहने के बाद रविवार को धार्मिक अनुष्ठान के साथ गांव में पुनर्वास करेंगे। इसके लिए 8 दिन तक गांव में धार्मिक अनुष्ठान होंगे।
ग्रामीणों ने ऐसा क्यों किया?
चित्तौड़गढ़ उपखंड के विनायका ग्राम पंचायत स्थित देवड़ा के ग्रामीण नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को खत्म करने और आस्था के चलते अनूठा कार्यक्रम कर रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि उनके गांव में कुछ नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव के चलते ग्रामीणों को सालों से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति नए मकान की नींव खोदता है तो नींव की खुदाई में मानव कंकाल और जानवरों की हड्डियां निकलती हैं। नकारात्मक शक्तियों के कारण गांव में खुशहाली नहीं आ रही है। नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए गांव में सभी समुदाय के लोगों ने 15 लाख रुपए की लागत से हनुमान जी का मंदिर बनवाया है।
3 दिन तक कोई भी घर नहीं जाएगा
ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले वे 3 दिन तक गांव के बाहर अपने खेतों में टेंट लगाकर रह रहे हैं। तीन दिन तक मवेशी, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे समेत गांव का एक भी व्यक्ति अपने घरों में नहीं रहेगा। तीन दिन बाद 30 तारीख को बड़ीसादड़ी दिव्य आनंद धाम के संत अनंतराम शास्त्री के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठान के साथ बैंड-बाजे और जुलूस के रूप में गांव में पुनः प्रवेश करेंगे।
इस दौरान हनुमान मंदिर परिसर में 8 दिन तक भागवत कथा और सिद्ध श्री महावीर हनुमान प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि इस आयोजन में ग्रामीण प्रतिदिन भागवत कथा के बाद महाप्रसाद की व्यवस्था कर रहे हैं। 27 तारीख को दोपहर में शुभ मुहूर्त में ग्रामीणों ने गांव खाली कर दिया। ग्रामीण तीन दिन तक खेतों में ही रहेंगे और अपने घर नहीं लौटेंगे। रविवार को ग्रामीण धार्मिक अनुष्ठान के साथ गांव में प्रवेश करेंगे।