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रमेश ईनाणी हत्याकांड में संतों की संलिप्तता पर कड़ा कदम, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय ने दो संतों को किया निष्कासित

 
रमेश ईनाणी हत्याकांड में संतों की संलिप्तता पर कड़ा कदम, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय ने दो संतों को किया निष्कासित

चित्तौड़गढ़ में हुए चर्चित रमेश ईनाणी हत्याकांड में संतों की संलिप्तता सामने आने के बाद अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय ने बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। मामले में नाम आने पर संप्रदाय ने चित्तौड़गढ़ के संत रमता राम और सिरोही के संत भजना राम को संप्रदाय से निष्कासित कर दिया है। इस निर्णय से धार्मिक और सामाजिक हलकों में व्यापक चर्चा शुरू हो गई है।

संप्रदाय की ओर से जारी निर्णय में कहा गया है कि रामस्नेही परंपरा सत्य, अहिंसा और नैतिक मूल्यों पर आधारित है। किसी भी आपराधिक गतिविधि में संलिप्तता या उस पर संदेह भी संप्रदाय की मर्यादाओं के खिलाफ है। ऐसे में, जब तक मामला पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो जाता, संप्रदाय की छवि और सिद्धांतों की रक्षा के लिए यह कदम उठाना आवश्यक समझा गया।

बताया गया है कि रमेश ईनाणी हत्याकांड प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जांच के दौरान जब इस मामले में संतों की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हुए, तो संप्रदाय के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर गंभीरता से विचार किया। लंबी बैठक और आंतरिक विमर्श के बाद दोनों संतों को तत्काल प्रभाव से संप्रदाय से बाहर करने का निर्णय लिया गया।

संप्रदाय के पदाधिकारियों का कहना है कि यह निष्कासन किसी को दोषी ठहराने का निर्णय नहीं है, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी और धार्मिक अनुशासन बनाए रखने की प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून अपना काम करेगा और जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग दिया जाएगा। संप्रदाय ने यह भी कहा कि वह किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि या हिंसा का समर्थन नहीं करता।

इस फैसले के बाद रामस्नेही संप्रदाय से जुड़े अनुयायियों और संत समाज में भी हलचल देखी जा रही है। कई अनुयायियों ने संप्रदाय के इस कदम को सही बताते हुए कहा कि धार्मिक संस्थाओं को समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही निकाला जाना चाहिए।

गौरतलब है कि रमेश ईनाणी हत्याकांड को लेकर पुलिस जांच जारी है और लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। इस प्रकरण ने न केवल कानून व्यवस्था बल्कि धार्मिक संस्थाओं की भूमिका और जिम्मेदारी को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।

फिलहाल, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के इस फैसले को एक सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है कि अपराध और अनैतिक गतिविधियों के प्रति किसी भी स्तर पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। अब सभी की नजरें पुलिस जांच और आने वाले कानूनी घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं।