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रावतभाटा न्यूक्लियर पावर स्टेशन अब नॉर्दर्न ग्रिड का हिस्सा, जानिए राजस्थान को कैसे होगा इससे फायदा ?

 
रावतभाटा न्यूक्लियर पावर स्टेशन अब नॉर्दर्न ग्रिड का हिस्सा, जानिए राजस्थान को कैसे होगा इससे फायदा ?

चित्तौडगढ़ न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र को उत्तरी ग्रिड से जोड़ दिया गया है। 700 मेगावाट का यह संयंत्र मेड इन इंडिया है, यानी इसे पूरी तरह भारत में बनाया गया है। इसके साथ ही उत्तरी ग्रिड में परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने की कुल क्षमता बढ़कर 8,880 मेगावाट हो गई है। भारत में परमाणु ऊर्जा का संचालन करने वाली संस्था एनपीसीआईएल (भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड) ने जानकारी दी है कि इस सप्ताह सोमवार (17 मार्च) को रावतभाटा स्थित राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना की यूनिट 7 को सुबह 2:37 बजे उत्तरी ग्रिड से जोड़ दिया गया। एनपीसीआईएल ने एक बयान में कहा है कि इस यूनिट में बिजली उत्पादन का स्तर नियमों के अनुसार बढ़ाया जाएगा। आरएपीपी-7 देश में इस तरह का तीसरा 700 मेगावाट का परमाणु रिएक्टर है। 

परमाणु ऊर्जा मिशन
देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे 16 पूरी तरह से निर्मित रिएक्टर लगाए जा रहे हैं। ऐसे पहले दो 700 मेगावाट के रिएक्टर गुजरात के काकरापार में बनाए गए हैं। इनका संचालन शुरू हो चुका है और इन्हें ग्रिड से जोड़ दिया गया है।ये परमाणु रिएक्टर भारत के परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत लगाए जा रहे हैं, जिसका जिक्र इस साल के केंद्रीय बजट में किया गया था। इसके तहत देश का लक्ष्य वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा से 100 गीगावाट बिजली का उत्पादन करना है।रावतभाटा में पहले से ही छह यूनिट काम कर रही हैं, जिनकी क्षमता 1180 मेगावाट है। यहां एक और यूनिट आरएपीपी-8 का निर्माण किया जा रहा है, जो अगले साल तक काम करना शुरू कर देगी। इसके बाद रावतभाटा में परमाणु ऊर्जा उत्पादन की क्षमता बढ़कर 2,580 मेगावाट हो जाएगी।