अब गाय और भैंसों से 90 प्रतिशत बछड़ियां होंगी पैदा, दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाकर पशुपालकों की दशा सुधरेगी
पशुपालन क्षेत्र में एक बड़ी और राहत भरी पहल के तहत अब गाय और भैंसों से 90 प्रतिशत तक बछड़ियों के जन्म की संभावना बढ़ेगी। इस नई तकनीक और योजनाओं के जरिए दुधारू पशुओं की संख्या में इजाफा होगा, जिससे सीधे तौर पर पशुपालकों की आमदनी बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
जानकारी के अनुसार, पशुपालन विभाग द्वारा सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस तकनीक के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान करने पर मादा बछड़ी पैदा होने की संभावना 90 प्रतिशत तक हो जाती है। इससे पशुपालकों को बेकार नर बछड़ों की समस्या से राहत मिलेगी और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
राज्य सरकार और पशुपालन विभाग का मानना है कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। अधिक बछड़ियां होने से भविष्य में दुधारू गाय-भैंसों की संख्या बढ़ेगी, जिससे दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। इससे न सिर्फ पशुपालकों की आय बढ़ेगी, बल्कि दुग्ध संघों और डेयरी उद्योग को भी लाभ मिलेगा।
पशुपालकों को इस तकनीक से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा अनुदान और रियायती दरों पर सीमेन उपलब्ध कराया जा रहा है। कई जिलों में पशु चिकित्सालयों और मोबाइल वेटनरी यूनिट्स के माध्यम से यह सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही पशुपालकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे इस तकनीक के फायदे समझ सकें और अधिक से अधिक इसका लाभ उठा सकें।
विशेषज्ञों का कहना है कि पारंपरिक तरीके से गर्भाधान में नर और मादा बछड़ों का अनुपात लगभग बराबर रहता है, लेकिन सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक से यह संतुलन पशुपालकों के पक्ष में हो जाता है। इससे पशुपालन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जा सकता है।
पशुपालकों ने भी इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अगर अधिक संख्या में बछड़ियां पैदा होंगी तो दूध उत्पादन बढ़ेगा और उनकी मेहनत का सही फल मिलेगा। कई पशुपालक पहले ही इस तकनीक से लाभ उठा चुके हैं और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
