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पुलिस में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश! एसीबी ने ASI को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया, ली थी इतनी मोटी घूस

 
पुलिस में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश! एसीबी ने ASI को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया, ली थी इतनी मोटी घूस 

चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क - राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो लगातार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी कर रही है। चित्तौड़गढ़ में रिश्वतखोरी के कई मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में एसीबी की टीम ने यहां रेंजर और सहायक वन रक्षक को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था। इसी बीच उदयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने आकोला थाने के एएसआई को 15 हजार की रिश्वत के मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एएसआई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर एएसआई को गिरफ्तार कर लिया। पहले 2 हजार और फिर 15 हजार की रिश्वत ली एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार ने बताया कि परिवादी प्रकाश गाडरी ने आकोला थाने के एएसआई बाबूलाल मीना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि एएसआई उसकी पत्नी को अवैध विवाह के आरोप में जब्त करने के मामले में दर्ज एफआईआर की एवज में रिश्वत मांग रहा है। जिस पर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। इस दौरान एएसआई बाबूलाल ने परिवादी से 2 हजार रुपए ले लिए। कार्यवाही उदयपुर एसीबी पुलिस निरीक्षक नरपत सिंह के नेतृत्व में की गई।

परिवादी ने अपनी नाती पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था
इस संबंध में पता चला है कि प्रकाश गाडरी ने आकोला थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी नाती पत्नी जो नाती विवाह के लिए आई थी, अपने पूर्व पति के पास वापस चली गई है। लेकिन थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर न्यायालय के आदेश पर आकोला थाने में मामला दर्ज करवाया गया। अपनी एफआईआर में परिवादी ने बताया कि उसकी नाती पत्नी ने अपने परिजनों के साथ मिलकर उसके खिलाफ दुष्कर्म व छेड़छाड़ का झूठा मामला दर्ज करवाया तथा नाती विवाह करने के लिए दबाव बनाया। थाने में मामला दर्ज होने के बाद विवाहिता परिवादी प्रकाश पर लगातार शादी करने का दबाव बनाती रही। नाती विवाह के बाद दोनों के बीच आपसी समझौते के चलते वल्लभनगर थाने में दर्ज मामला हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था।

इसी साजिश के तहत पूर्व पति से तलाक देने की एवज में 7 लाख 11 हजार रुपए ऐंठ लिए गए। परिवादी ने यह राशि अपने खेत गिरवी रखकर तथा मित्रों से उधार लेकर समझौता कर दी थी। विवाह के पश्चात परिवादी की पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया तथा सात माह के बच्चे को छोड़कर उसकी पत्नी पुनः अपने पूर्व पति के पास भाग गई। साथ ही उसकी पत्नी 2 लाख नकद व जेवरात भी ले गई। इस मामले को लेकर उसने आकोला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

एएसआई ने एफआईआर के लिए मांगी थी रिश्वत
एएसआई बाबू लाल मीना ने एफआईआर के मामले में रिश्वत मांगी थी। उसे एसीबी ने ट्रैप कर लिया। आकोला थाने में कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार के नेतृत्व में गठित टीम व गिरफ्तार एएसआई को एसीबी चौकी चित्तौड़गढ़ लाया गया, जहां से आवश्यक कार्यवाही के पश्चात उसे हाल ही में प्रारंभ हुई एसीबी कोर्ट में पेश किया गया।