Chittorgarh अब एंटीक ज्वेलरी संग डांडिया में बिखरेगा नया रंग
चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क, नवरात्र शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष है। गरबा-डांडिया खेलने को लेकर लगभग तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गरबा उत्सव में सिर्फ 4 दिन शेष रह गए हैं। इसलिए ड्रेस और एसेसरीज के साथ प्रैक्टिस शुरू हो चुकी है। ज्वेलरी के साथ गरबा करने के कंफर्ट पर भी ध्यान दिया जा रहा है, साथ ही लुक पर भी फोकस किया जा रहा है। इसलिए ड्रेस और ज्वेलरी का ट्रायल के साथ अब फाइनल प्रैक्टिस का दौर चल रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले लगभग 2 वर्षों से विंटेज ज्वेलरी का ट्रेंड देखा जा रहा है। इस वर्ष सिक्कों के साथ ही मेंटल की विंटेज ज्वेलरी पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसमें भी सबसे ज्यादा कमरबंध, नेकलेस व मांग टीका में सिक्कों और मेटल्स की ज्वेलरी नजर आएंगी। सिक्कों की विटेंज ज्वेलरी जो कि देश के आदिवासी इलाकों (ट्रायबल बेल्ट) के लिए पसंद की जाती है। पिछले कुछ वर्षों से नवरात्र के दौरान सिक्कों की विंटेज जूलरी की डिमांड बढ़ी है। शहर के हाई प्रोफाइल गरबा गुप्स में भारतीय परंपरा का प्रमुख हिस्सा रही इस जूलरी को अब रेंट पर बुक किया जा रहा है। इस विटेंज ज्वेलरी से लुक में वैराइटी इस ज्वेलरी की पसंद का सबसे बड़ा कारण बन रही है। शहर के हाई प्रोफाइल गरबा उत्सवों में इसी प्रकार की ज्वेलरी को प्रिफर किया जा रहा है।
एंटीक विटेंज ज्वेलरी के चलन के कारण
● भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं सिक्कों से बने नेकलेस और कमरबंध।
● ट्रेडिशनल लुक में मददगार।
● राजस्थान और गुजरात की विशेषता को दर्शाते।
● विंटेज एंटीक ज्वेलरी रेंट
● सामान्य वर्ग के लिए 500 से 2 हजार तक।
● हाइप्रोफाइल वर्ग के लिए 3 से हजार तक।