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चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल में पहली बार बनी आधुनिक एयर राइफल और आर्चरी शूटिंग रेंज, कैडेट्स को मिलेगा नया प्रशिक्षण मंच

 
चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल में पहली बार बनी आधुनिक एयर राइफल और आर्चरी शूटिंग रेंज, कैडेट्स को मिलेगा नया प्रशिक्षण मंच

चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में कैडेट्स के प्रशिक्षण को नई दिशा देने वाली एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। स्कूल परिसर में पहली बार आधुनिक एयर राइफल शूटिंग रेंज और आर्चरी रेंज पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी है। अब तक सैनिक स्कूल में ये दोनों सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, जिससे कैडेट्स को शूटिंग और तीरंदाजी जैसे खेलों का अभ्यास सीमित संसाधनों में करना पड़ता था।

विद्यालय प्रशासन के अनुसार, नई शूटिंग रेंज को आधुनिक सुरक्षा मानकों और खेल आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया गया है। एयर राइफल रेंज में मानक दूरी, सेफ्टी बैकस्टॉप, इलेक्ट्रॉनिक टारगेट सिस्टम और सुरक्षित फायरिंग लेन की व्यवस्था की गई है। इससे कैडेट्स को नियंत्रित और सुरक्षित वातावरण में निशानेबाजी का अभ्यास करने का अवसर मिलेगा।

इसी तरह, नव-निर्मित आर्चरी रेंज में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप टारगेट, अभ्यास क्षेत्र और सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं। इससे कैडेट्स न केवल शारीरिक संतुलन और एकाग्रता विकसित कर सकेंगे, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की तैयारी भी कर पाएंगे।

स्कूल प्रशासन का कहना है कि सैनिक स्कूल का उद्देश्य केवल अकादमिक शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि कैडेट्स को शारीरिक, मानसिक और नैतिक रूप से मजबूत बनाना है। शूटिंग और आर्चरी जैसे खेल अनुशासन, धैर्य, एकाग्रता और आत्मविश्वास विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो सैन्य प्रशिक्षण के मूल गुण माने जाते हैं।

नई सुविधाओं के शुरू होने से कैडेट्स और अभिभावकों में उत्साह का माहौल है। कैडेट्स का कहना है कि अब उन्हें अपने ही स्कूल परिसर में उच्च स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे बाहर जाकर अभ्यास करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे समय की बचत के साथ-साथ नियमित अभ्यास भी संभव हो सकेगा।