Aapka Rajasthan

Chittorgarh माफिया का खेला, बजरी पर आठ गुना अवैध वसूली

 
Chittorgarh माफिया का खेला, बजरी पर आठ गुना अवैध वसूली

चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौरगढ़ न्यायालय से बजरी परिवहन पर रोक हटने के बाद खनन विभाग से अनुबंध कर लीज बनाई गई। लीज को आधार बना यहां बजरी माफिया सक्रिय हो गए। ये लोग सरकार से निर्धारित बजरी की रॉयल्टी का आठ गुना तक अधिक राशि वसूली कर रहे हैं। नही देने वालों पर पुलिस एव अन्य कार्रवाई की धमकी दी जाती है। कई बार ये लोग खुद ही गुंडागर्दी पर उतर आते हैं। इन लोगों ने उपखण्ड क्षेत्र में सरकारी एव निजी भूमि पर दर्जनों स्थानों पर अवैध बजरी भंडारण भी कर रखा है। इन दिनों बजरी माफिया सरकारी नियमों को ताक पर रखकर पुलिस प्रशासन की लापरवाही से रॉयल्टी के नाम पर कई गुना मुनाफा कमा रहे हैं।

45 रुपए टन के बजाय ले रहे 300

खनिज विभाग के अनुसार सरकार की ओर से बजरी के लिए 45 रुपए प्रति टन रॉयल्टी लिए जाने का प्रावधान है। विभाग ने पारसोली रेलवे स्टेशन के समीप बजरी नाका निर्धारित किया हुआ है। इस नाके से 45 रुपए प्रति टन के हिसाब से बजरी पर रॉयल्टी ली जा सकती है। क्षेत्र में एक अधिकृत नाके की खनिज विभाग की ओर से स्वीकृति है, उसके बावजूद बजरी के रॉयल्टी ठेकेदारों ने उपखण्ड के चारों ओर नाके लगा दिए। बलवंत नगर, पांडवों का भवरिया और सामरिया सहित कई स्थानों पर इन बजरी रॉयल्टी के नाके लगे हैं। जो भी ट्रेक्टर ट्रॉली या डम्पर रेत लेकर आए उनसे ये 300 रुपए प्रति टन की वसूली करते हैं।

सरकारी भूमि पर बजरी के पहाड़

उपखण्ड के पारसोली क्षेत्र में बड़ा खेड़ा से लेकर छोटा खेड़ा गांव में करीब दो दर्जन स्थानों पर लोगों ने सरकारी एव निजी भूमि पर बजरी के ढेर लगा रखे हैं। बड़े-बड़े पहाड़नुमा बजरी के अवैध भंडारण पर कार्यवाही के लिए खनिज विभाग, उपखण्ड प्रशासन सहित पुलिस विभाग के अधिकारी अधिकृत हैं। इन गांवों पूर्व में भी खनिज विभाग एव राजस्व अधिकारियों की कार्रवाई हुई हैं। बजरी भंडारण के माफियाओं की दबंगता से गांव का कोई व्यक्ति इन लोगों के नाम तक नहीं बता सकता। राजस्व एवं पंचायतराज कर्मियों की मौजूदगी के बाद भी अधिकारी अवैध बजरी भण्डारण से अनभिज्ञ नजर आते हैं।