Chittorgarh रवि, ब्रह्म और इंद्र योग में गणपति बप्पा संवारेंगे भक्तों की किस्मत
Sep 5, 2024, 14:30 IST
चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौरगढ़ भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन से उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है। भगवान गणेश को समर्पित यह त्योहार न सिर्फ देश के कई राज्यों में अपितु विदेश में भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर कई ऐसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिससे यह त्योहार और भी खास हो गया है। हिंदू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि इस वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुक्रवार 6 सितबर को दोपहर 03:01 बजे से प्रारंभ होकर शनिवार 7 सितबर को शाम 05:37 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार उदया तिथि के आधार पर शनिवार 7 सितबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी ।
ये विशेष ज्योतिषीय योग
हिन्दू पंचांग की गणना के आधार पर इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि सहित रवि योग, ब्रह्म योग और इन्द्र योग का निर्माण हो रहा है
यह रहेंगे मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:54 से दोपहर 12:44 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:24 से दोपहर 03:14 तक।
चोघडिय़ा मुहूर्त
शुभ वेला प्रात: 07:49 से 09:22 तक।
लाभ वेला: दोपहर 02:02 से 03:36 तक।
अमृत वेला: दन में 03:36 से शाम 05:09 बजे तक।
स्थापना-पूजन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषीय मान्यताओं के आधार पर भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के समय हुआ था, अत: मध्याह्न के समय को गणेश पूजन के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। सर्वश्रेष्ठ गणपति पूजा एवं स्थापना मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 03 मिनट से मध्याह्न 01 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।