Chittorgarh किसान फसलों में डीएपी की जगह एसएसपी का प्रयोग करें, गुणवत्ता बेहतर
फसल की गुणवत्ता एवं उपज में भी वृद्धि होती है। सल्फर की मात्रा पाये जाने के कारण फसलों में क्लोरोफिल का निर्माण कर प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है। कृषि विभाग द्वारा गत वर्षों में मिट्टी की जांच कराने पर पाया गया है कि भूमि में नाइट्रोजन, फास्फोरस के साथ-साथ पोटाश, जिंक, फेरस एवं अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी पाई जाती है।जिससे पैदावार पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने किसानों को मिट्टी की जांच कराकर पोषक तत्वों की पूर्ति करने की सलाह दी है। इसके लिए कृषि विभाग गांव-गांव में किसान गोष्ठी करेगा। किसानों को मृदा जांच के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
नैनो यूरिया डीएपी का उपयोग
उर्वरकों की लागत को कम करने और भूमि की उर्वरा शक्ति तथा उत्पादन बढ़ाने में सहायक न्यूएज तरल उर्वरक नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का उपयोग करना चाहिए। किसान खेतों में मिट्टी के नमूनें की जांच के आधार पर बनाए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार भूमि में उर्वरकों का उपयोग करें तो बेहतर होगा। एसएसपी उर्वरक डीएपी की अपेक्षा बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रति बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 9 किलो नत्रजन पाई जाती है। यदि डीएपी के विकल्प के रूप में 3 बैग एसएसपी एवं 1 बैग यूरिया में 16 किग्रा केल्शियम, 24 किग्रा फास्फोरस, 20 किग्रा नत्रजन व 16 किग्रा सल्फर पौधों को उपलब्ध होगी ।