Chittorgarh सुविधाओं से वंचित दिव्यांग का परिवार, एडीएम ने दिया मदद का आश्वासन
चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क, देश और प्रदेश में 3 दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस मनाया गया. लेकिन रावतभाटा के वार्ड 16 निवासी बुजुर्ग महिला रुकमा बाई और उनके विकलांग बेटे दाऊ सिंह की किसी ने सुध नहीं ली. हैरानी की बात तो ये है कि ये बुजुर्ग मां और दिव्यांग इकलौता बेटा किसी सुदूर ग्रामीण इलाके में नहीं बल्कि रावतभाटा के शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर 16 में स्थित एक छोटे से टूटे-फूटे कमरे में रहते हैं. पिछले एक साल से इन्हें सरकार से मिलने वाली पेंशन राशि और राशन का गेहूं तक नहीं मिल पाया है।
दिव्यांग और दृष्टिबाधित होने के कारण बेटे का आधार कार्ड नहीं बन सका। सत्यापन के अभाव में बुजुर्ग मां की पेंशन अटक गई है। ऐसा नहीं है कि परिवार ने अधिकारियों से गुहार नहीं लगाई, वे अब दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. ऐसे में जब मामले की जानकारी अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार मीणा तक पहुंची तो वह तुरंत परिवार से मिलने पहुंचे और जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया. एडीएम मुकेश कुमार मीणा ने बताया कि जब उन्होंने मौके पर जाकर वार्ड नंबर 16 निवासी बुजुर्ग महिला रुकमा बाई और उनके विकलांग बेटे दाऊ सिंह की समस्या देखी तो उन्हें इस परिवार के प्रति सच्ची सहानुभूति महसूस हुई. हमने समाज कल्याण विभाग के कर्मियों को मौके पर बुलाया है. जल्द ही आधार समेत अन्य समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा।