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Chittorgarh सजे बाजार, घर की सजावट के सामान का क्रेज ज्यादा

 
Chittorgarh  सजे बाजार, घर की सजावट के सामान का क्रेज ज्यादा

चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क, दीपोत्सव के पर्व की शुरुआत आज से हो गई है। बाजार रंग बिरंगे लाइटों से, आर्टिफिशियल फूलों से सज गए है। वहीं, घरों को भी लाइट्स के अलावा-अलग अलग सजावटी सामानों से सजाया जा रहा है। लोगों में इस बार घर सजाने के नए-नए आइटम खरीदने का क्रेज लगातार दिख रहा है। चित्तौड़गढ़ में कई जगहों पर सभी तरह का माल किफायती दामों में उपलब्ध है। ऐसे में पटवा ब्रदर्स में कई तरह के नए-नए सजावटी सामान देखने को मिल रहा है। अच्छी बात यह है कि इसे बेचने के लिए पटवा ब्रदर्स में पूरा महिला स्टॉफ ही मौजूद है, जो महिलाओं को उनके सुविधा के अनुसार माल उपलब्ध करवा रहा है। यहां ग्राहकों की भीड़ भी देखी जा रही है।

देसी सामानों की डिमांड ज्यादा

श्वेता भंडारी ने बताया कि देसी सामानों की मांग बढ़ रही है। तोरण, बंदनवार, हैंगिंग दीए, पानी वाले दीए, मेटल के दीए, झूमर, रंगोली खूब डिमांड पर है। ग्राहकों को वैरायटी चाहिए, इसके लिए वे लोग खर्चा भी कर रहे हैं। यहां पर सभी तरह का माल के फायदे दामों में उपलब्ध है। उनका कहना है कि इस बार मार्केट में रौनक है। हर बार हम सजावटी सामान बेच रहे है लेकिन पहली बार बड़े स्तर पर कर रहे है। वहीं, रंग बिरंगे आर्टिफिशियल फूलों की लड़ी, बंदनवार, कपड़े की माला की बिक्री जोरों पर है। हर साल डिजाइन में कुछ ना कुछ बदलाव किया जाता है। लोगों में पारंपरिक सजावटी सामान खरीदने का रुक बढ़ा है।

15 से 1500 रुपए तक सामन उपलब्ध

श्वेता बताती है की बंदनवार में ब्लू आई, श्रीनाथजी, राधे-कृष्ण जी की बहुत डिमांड है। यह करीब 150 से 1500 तक के बीच में अवेलेबल है। इसके अलावा रंगोली के नए-नए टूल्स, मांडना भी 15 रुपए से 600 रुपए के बीच में अवेलेबल है। शाइन वाले ग्लिटर 100 से 300 रुपए, झूमर 50 से 900 रुपए में उपलब्ध है। इसके अलावा पानी वाले, अरोमा और लाइट्स वाले दीपक भी खूब बिक रहे है।

महिलाओं ने संभाला सजावटी सेक्शन

सजावटी सामान अधिकतर महिलाएं खरीदने आती है। ऐसे में महिलाओं को परेशानी ना हो उसके लिए पटवा ब्रदर्स के सजावटी सेक्शन की जिम्मेदारी महिलाएं ही संभाल रही है। श्वेता भंडारी बताती है कि महिला अलग-अलग तरह की डिमांड करती है, उन डिमांड्स को हम अच्छे से समझ पाते हैं। काउंटर और एकाउंट्स की पूरी जिम्मेदारी मैं उठा रही हूं। वहीं हमने माल की बिक्री के लिए महिला स्टॉफ रखा है। ज्यादा भीड़ होने पर पास के सेक्शन से जेंट्स स्टॉफ भी मदद के लिए आते है। यहां पर पूजा कंवर, मोनिका पटवा, संजू कंवर, निशा राजपूत बखूबी अपनी सेवाएं दे रही है।

चीनी सामानों के बहिष्कार का लाइट्स मार्केट में असर कम

इधर, इस बार बाजार में चाइनीज लाइट खूब बिक रही हैं। बाजार में 12 से 800 रुपए की झालरें मिल रही हैं। 12 रुपए की लड़ी 5 मीटर की होती है, जबकि 800 रुपए की लड़ी 250 मीटर तक है। इन्हीं में सभी लेंथ आ जाती है। 20 रुपए तक की लड़ी में राइस बल्ब यूज होता है, जिसे गरम बल्ब भी कहते हैं। वहीं 25 रुपए से ऊपर की लड़ी में एलईडी लाइट और पिक्सल बल्ब यूज होते हैं। इनकी अलग-अलग शेप है। व्यापारियों का कहना है कि लाइटिंग के मामले में फिलहाल चीन से मुकाबला संभव नहीं है। यदि अपने देश में 15 मीटर की लड़ी बनाएंगी, तो वो 100 रुपए से कम में नहीं पड़ेगी। वहीं चाइनीज में बढ़िया से बढ़िया 15 मीटर लड़ी 40 रुपए में मिल जाती है। दिवाली पर चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान लाइट्स मार्केट पर असर नहीं करता। हर किसी को सस्ता और आकर्षक माल चाहिए। देसी इलेक्ट्रिक आइटम में फिनिशिंग भी कम होती है।