Chittorgarh बारिश के दौरान नमी के कारण दीवारों में प्रवाहित करंट हो सकता है जानलेवा
चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ बरसात का मौसम कई समस्याएं लेकर भी आता है, इनमें एक सबसे बड़ी समस्या सीलन की है। लगातार होने वाली बारिश की वजह से घरों की दीवारों पर नमी आ जाती है। यह नमी करंट के लिए सुचालक का काम करती है और कई बार करंट पूरी दीवार में फैल जाता है। अनायास ही दीवार पर हाथ लगने पर करंट का पता चलता है। ऐसे में गंभीर हादसे का खतरा घर में ही बना रहता है। यदि आपके घर में भी सीलन है तो सतर्क हो जाएं। जिस दीवार में सीलन की ज्यादा समस्या है, वहां की बिजली के पॉइंट की जांच कर लें और करंट लीकेज होने की संभावना हो तो इलेक्ट्रिशियन से दुरुस्त कराएं।
विद्युत निगम ने करंट से होने वाले खतरों को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। करंट का सर्किट पूरा नहीं होता तब तक करंट का एहसास नहीं होता है। जहां सीलन और करंट की संभावना हो, वहां प्लास्टिक की चटाई या लकड़ी का पटिया डालें, जिससे करंट वाली दीवार छूने पर भी जमीन के संपर्क में नहीं आ सकेंगे। सूखी चप्पल का इस्तेमाल करें। ऐसे में करंट की संभावना बेहद कम रह जाती है। घर में अर्थिंग प्वॉइंट की जांच कर लें। यदि अर्थिंग सही तरीके से काम कर रहा है तो करंट नहीं फैल पाएगा। यदि घर का अर्थिंग प्वॉइंट सही ढंग से काम नहीं कर रहा है तो बिजली सप्लाई से भी अर्थिंग ली जा सकती है। बरसात के पहले यदिसतर्कता बरती जाए तो हादसे की आशंका नहीं रहती।
दीवारों पर सीलन आने पर करें ये उपाय
बारिश थमने, मौसम साफ होने पर वाटर प्रोटेक्शन केमिकल का इस्तेमाल करें। इसे सीमेंट में मिलाएं और सीलन वाली जगह लगाएं। सूखने पर दुबारा रंगरोगन कर लें।
जिन जगहों पर पानी इकट्ठा होता है, वहां पानी जमा नहीं हो सके ऐसा इंतजाम करें। छत पर पानी निकलने के रास्ते साफ करें ताकि पानी आसानी से गिरता रहे।
छत सूखी होने की स्थिति में वाटर प्रूफ कोटिंग करें। ऐसे में पानी जमा होगा तो भी दीवारों पर सीलन नहीं रहेगी। दीवारों पर बनी दरारों को पुट्टी से भर दें।
घर में पीली रोशनी वाले परंपरागत बल्ब का इस्तेमाल करें, जिसकी गर्मी से सीलन सूखेगी, वहीं लगातार पंखे चालू रखने से भी हवा से सीलन कम होगी।