चित्तौड़गढ़ में एसीबी की बड़ी कार्रवाई, वायरल फुटेज में देखे लाखों रूपए की घूस लेते पकड़े गए रेंजर और सहायक वनपाल
एंटी करप्शन ब्यूरो कोटा ने चित्तौड़गढ़ में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। टीम ने डीएफओ चित्तौड़गढ़ में रिश्वत लेते हुए रेंजर व सहायक वनपाल को ट्रैप किया। दरअसल, ये दोनों परिवादी का बिल पास करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे।

चित्तौडगढ़ न्यूज़ डेस्क - भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कोटा की स्पेशल यूनिट टीम ने चित्तौड़गढ़ में बड़ी कार्रवाई करते हुए वन विभाग के रेंजर और सहायक वनपाल को 1.98 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इस राशि में 78 हजार रुपए नकद और 1.2 लाख रुपए का चेक शामिल है। एसीबी के एएसपी मुकुल शर्मा ने बताया कि आरोपी रेंजर राजेंद्र चौधरी और सहायक वनपाल राजेंद्र कुमार मीना ने बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांगी थी।
परिवादी ने बताया था कि उसकी फर्म और उसके पार्टनर की फर्म को वन क्षेत्र में खाई और गड्ढे खोदने का काम मिला था। बिलों का सत्यापन हो चुका था, लेकिन आरोपी अधिकारियों ने इन्हें पास करने की एवज में रिश्वत मांगी। सत्यापन के दौरान 50 हजार रुपए पहले ही लिए जा चुके थे। पूरे डीसीएफ कार्यालय में मचा रहा हड़कंप: कार्रवाई के दौरान डीसीएफ कार्यालय में हड़कंप मच गया और कई कर्मचारी चुपचाप मौके से निकल गए। एसीबी टीम ने वहां मौजूद अधिकारियों से भी पूछताछ की।
एएसपी मुकुल शर्मा ने बताया कि इस मामले में चित्तौड़गढ़ के अन्य अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका है तथा इस संबंध में आगे की जांच जारी है। अन्य अधिकारियों पर भी जांच जारी : एसीबी ने आशंका जताई है कि बिल पास करने की प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। एडिशनल एसपी मुकुल शर्मा ने बताया कि पूरे मामले की गहन जांच की जाएगी तथा अन्य संदिग्ध अधिकारियों पर भी कार्रवाई संभव है।