Chittorgarh चित्तौड़ डिपो में करीब 65 बसें हर दिन तय करती हैं 22 हजार किलोमीटर का सफर
ड्रग लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय के आदेश के संदर्भ में नार्को कॉर्डिनेशन तंत्र की राज्य स्तरीय बैठक पिछले दिनों मुख्य सचिव की मौजूदगी में हुई थी। जिसमें बताया गया था कि निजी व सरकारी बसों में पार्सल के रूप में मादक पदार्थ, अवैध व संदिग्ध सामान को एक से दूसरे स्थान पर परिवहन की आशंका है। बैठक के बाद रोडवेज प्रबंधन ने प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बसों में अवैध सामान के परिवहन की रोकथाम व निगरानी को लेकर आदेश जारी किए हैं। मुख्य प्रबंधक सारस्वत ने बताया कि चित्तौडग़ड़ डिपो में वर्तमान में करीब 65 बसें हैं। रोडवेज डिपो से निकलने वाली बसों की अब अवैध पार्सल और सामान को लेकर नियमित जांच होगी। रोडवेज कार्यकारी निदेशक प्रशासन की ओर से सभी मुख्य प्रबंधकों को निर्देश जारी किए हैं।
इन बसों की होगी कड़ी निगरानी: आदेशानुसार राजस्थान से अन्य राज्यों में जाने वाली रोडवेज बसों की जांच होगी। जिसमें देखा जाएगा कि कोई अवैध पार्सल तो नहीं भेजा जा रहा। आने वाली बसों को लेकर भी यह नीति रहेगी। बसों में कोई अवैध सामान मिलने पर पुलिस को सूचना दी जाएगी।
चित्तौड़गढ़. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम अभी परिचालकों की कमी से जूझ रहा है। सरकार ने परिचालकों की कमी को दूर करने के लिए एक नया रास्ता निकाला है। इसके तहत सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को रोडवेज में परिचालक के तौर पर काम देने का निर्णय किया गया है। सरकार से इसकी मंजूरी मिलने के बाद रोडवेज प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी है। पहले चरण में प्रदेश के सात रोडवेज आगार डिपो में सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को परिचालक का काम दिया जाएगा। रोडवेज मुख्यालय प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने आगार प्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आगार प्रशासन अपने-अपने जिला कलक्टर कार्यालय को स्वयंसेवक उपलब्ध कराने के लिए पत्र देंगे।
