Aapka Rajasthan

Chittorgarh श्री सांवलिया सेठ में कुल 10.76 करोड़ रुपए का चढ़ावा, सोना-चांदी भी तोला गया

 
Chittorgarh श्री सांवलिया सेठ में कुल 10.76 करोड़ रुपए का चढ़ावा, सोना-चांदी भी तोला गया

चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ श्री सांवलिया सेठ के भंडार से निकली राशि की आज चौथे चरण में गिनती पूरी हो गई। बुधवार को 58 लाख 10 हजार 425 रुपयों की काउंटिंग की गई। वहीं, ऑफिस में भक्तों ने मनीऑर्डर और चेक से एक करोड़ एक लाख 800 रुपए जमा करवाए थे। इससे पहले 9 करोड़ 17 लाख 60 हजार रुपयों की गिनती हो चुकी है। सबको मिलाकर कुल 10 करोड़ 76 लाख 71 हजार 225 रुपए मिले। इसके अलावा सोने चांदी का भी तौल किया गया। श्री सांवलिया जी मंदिर ने 13 सितंबर को चतुर्दशी के दिन भंडारा खोला गया था। तीन चरणों में 9 करोड़ 17 लाख 60 हजार रुपयों की काउंटिंग हो चुकी है। बुधवार को 58 लाख 10 हजार 425 रुपयों की गिनती हुई है। यानी भंडारे से कुल 9 करोड़ 75 लाख 70 हजार 425 रुपए प्राप्त हुए।

श्री सांवलिया जी मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर ने बताया कि ऑफिस में भक्तों ने चेक और मनी ऑर्डर के जरिए रुपए जमा किए थे। वहां से एक करोड़ एक लाख 800 रुपए प्राप्त हुए। भंडारे और ऑफिस के रुपयों की गिनती की जाए तो कुल 10 करोड़ 76 लाख 71 हजार 225 रुपए मिले। इस दौरान मंदिर मंडल के सदस्य संजय कुमार मंडोवरा, अशोक शर्मा, भेरूलाल सोनी, प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर और सम्पदा प्रभारी कालूलाल तेली मौजूद थे। जानकारी में आया कि भंडार से 88 ग्राम सोना और 12 किलो 100 ग्राम चांदी का चढ़ावा मिला। इसके अलावा ऑफिस से 40 ग्राम 500 मिलीग्राम सोना और 19 किलो 842 ग्राम चांदी प्राप्त हुई।

डॉ.शिवमुनि का जन्मोत्सव दया दिवस के रूप में मनाया:

जैन श्रवण संघीय संत आचार्य डॉ. शिव मुनि का जन्मदिन सोमवार को अंबेश भवन में दया दिवस के रूप में मनाया गया। 80 श्रावक श्राविकाओं ने पांच-पांच सामायिक की दया कर साधना की। चातुर्मास सेवा समिति के अध्यक्ष एसपी सिरोया ने बताया कि श्रवण संघीय आचार्य डॉ. शिव मुनि का जन्मदिन यहां दया दिवस के रूप में साध्वी डॉ. दिव्या प्रभा के सानिध्य में मनाया गया। धर्म सभा में साध्वी डॉ दिव्या प्रभा ने कहा कि आचार्य श्री शिव मुनि 30 साल से वर्षी तप ध्यान साधना के साथ कर रहे हैं। आपका अध्यात्म का मुख्य विषय ध्यान साधना हैं। आचार्य श्री श्रमण संघ के अविचल और मंगल के लिए समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं। आचार्य श्री हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं। धर्म सभा में मदन चंडालिया और सुनीता सिरोया आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही पर्युषण के अंतर्गत सुबह साध्वी निरुपमा ने अंतगढ़ सूत्र का वाचन करते हुए कहा कि लोगों की चाहत ही दुख हैं, जिसे दुनिया सुख मानती हैं। वस्तुओं का अभाव दुख नहीं हैं, वस्तुओं की चाहत ही दुख का कारण हैं। दोपहर बाद कल्प सूत्र का वाचन किया गया।