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राजस्थान के इस जिले में डेयरी में ठेका श्रमिकों का फूटा गुस्सा, वेतन बढ़ोतरी को लेकर विरोध तेज

 
राजस्थान के इस जिले में डेयरी में ठेका श्रमिकों का फूटा गुस्सा, वेतन बढ़ोतरी को लेकर विरोध तेज

चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक संघ (चित्तौड़ डेयरी) में वेतन वृद्धि में भेदभाव का मामला सामने आने के बाद बुधवार को ठेका श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। श्रमिकों का आरोप है कि कुछ कर्मचारियों का वेतन मनमाने तरीके से बढ़ा दिया गया, जबकि बाकी कर्मचारियों को इस वृद्धि से वंचित रखा गया। इससे असंतोष बढ़ गया और 200 से अधिक श्रमिकों ने काम छोड़ कर प्लांट व कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। चित्तौड़ डेयरी में करीब 250 ठेका श्रमिक कार्यरत हैं। जानकारी के अनुसार डेयरी के पूर्व एमडी के तबादले के दौरान कुछ कर्मचारियों का वेतन बढ़ा दिया गया, जबकि बाकी कर्मचारियों को इस वृद्धि का लाभ नहीं मिला। 

इससे बाकी ठेका श्रमिकों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने समान वेतन वृद्धि की मांग उठाई। बुधवार को श्रमिकों ने एकजुट होकर काम बंद कर दिया और चित्तौड़ डेयरी चेयरमैन बद्री जाट जगपुरा से मिले और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कुछ कर्मचारियों ने गलत तरीके से कागजों में हेराफेरी कर अपना वेतन बढ़वा लिया, जबकि बाकी श्रमिकों की अनदेखी की गई। प्रदर्शन के दौरान अध्यक्ष बद्री जाट जगपुरा ने चित्तौड़ डेयरी के एमडी से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मात्र 10-12 कर्मचारियों का ही वेतन बढ़ाया गया है, जिससे बाकी कर्मचारियों में असंतोष है। एमडी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वेतन बढ़ोतरी में किसी के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों का वेतन समान रूप से बढ़ाया जाएगा तथा जिन कर्मचारियों का वेतन अनुचित तरीके से बढ़ा है, उनका वेतन अगले माह से कम कर दिया जाएगा। चित्तौड़ डेयरी पिछले कुछ समय से लगातार विवादों में है। इससे पहले भी डेयरी प्रशासन पर कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर आरोप लगते रहे हैं। इस बार वेतन बढ़ोतरी में भेदभाव व आर्थिक शोषण के आरोपों ने इसे फिर सुर्खियों में ला दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन अपने आश्वासन पर कितनी प्रभावी रूप से अमल करता है तथा ठेका कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।