घुंघरू वाली पायल से क्यों परहेज करती हैं राजस्थान के इन 3 गांवों की महिलाएं? जानें रहस्यमयी वजह

बूंदी न्यूज़ डेस्क - इसे आस्था कहें या अंधविश्वास, बूंदी जिले के साथेली क्षेत्र के तीन गांवों की महिलाएं पैरों में घंटियों वाली पायल नहीं पहन पा रही हैं। यहां के लोग देव दोष के कारण अपने मकानों पर पक्की छत नहीं डलवा पा रहे हैं। बूंदी जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर स्थित लीलेड़ा व्यावसन ग्राम पंचायत के साथेली, बठवाड़ा और अंथड़ा गांव के लोग आज तक अपने मकानों पर पक्की छत नहीं डलवा पाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इसका कारण गरीबी या कोई वैज्ञानिक कारण नहीं, बल्कि क्षेत्र के लोगों की स्थानीय देवता के प्रति आस्था है। इस आस्था के केंद्र में रिक्त्या भैरूजी हैं। कहा जाता है कि उनके द्वारा ऐसा करना वर्जित है।
गांव के कुछ संपन्न लोगों ने पहले अपने मकानों पर पक्की छत डलवाने का प्रयास किया था। लेकिन निर्माण के दौरान छत की पट्टियां टूट गईं और परिवार के किसी न किसी सदस्य को कोई न कोई दुर्भाग्य झेलना पड़ा। एक गांव में स्कूल की छत पर पट्टियां डलवाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे टूट गईं। इसके बाद किसी ने पट्टी पर पक्की छत डालने की हिम्मत नहीं की। गांव में दो आईएएस, दो आयकर अधिकारी, एक जज और सैकड़ों शिक्षक होने के बावजूद इनके घरों पर भी पक्की छत नहीं है। इस कारण इनके परिवार कच्चे मकानों में रह रहे हैं। हां, अब कुछ लोगों ने आरसीसी की छत डालना शुरू कर दिया है।
कुंवारी लड़कियों के चबूतरे पर चढ़ने से भी जुड़ा एक मिथक
पूर्व सरपंच कांताबाई श्रृंगी और वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार माथुर बताते हैं कि गांव की महिलाएं यहां घंटियों वाली पायल भी नहीं पहनती हैं। क्योंकि इन्हें पहनने से उनके पैरों में सूजन आ जाती है। इसके साथ ही रिक्तया भैरू जी मंदिर के चबूतरे पर चढ़ने वाली कुंवारी लड़कियों को शादी के बाद भी वहां आना पड़ता है। अगर वे वापस नहीं लौटती हैं तो उनके परिवार में परेशानियां पैदा होती हैं।
नियम तोड़ने वालों की नहीं बनती जमती
आज के वैज्ञानिक युग में लोग अंतरिक्ष और चांद पर घर बनाने की योजना बना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर देव दोष के डर से इन गांवों के लोग अपने घरों पर पक्की छत नहीं डाल पा रहे हैं और महिलाएं घंटियों वाली पायल नहीं पहन पा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी इच्छा तो है लेकिन आस्था के कारण वे ऐसा करने से कतराते हैं। जिन लोगों ने इन नियमों को तोड़ा, उनकी खैर नहीं। क्षेत्र में रिक्तया भैरू जी के प्रति बड़ी आस्था है।