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Bundi अभियोजन स्वीकृति को लेकर नगर पालिका की बैठक में हंगामा, मचा बवाल

 
Bundi अभियोजन स्वीकृति को लेकर नगर पालिका की बैठक में हंगामा, मचा बवाल 

बूंदी न्यूज़ डेस्क,  नगर पालिका अध्यक्ष हेमराज मेघवाल की अध्यक्षता में तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक के खिलाफ इंद्रगढ़ व अंता नगर पालिकाओं में चल रहे मामले में चल रहे अभियोजन पक्ष की मंजूरी पर आधे घंटे में बिना किसी निर्णय के नगर पर्षद की बैठक 45 मिनट देरी से शुरू हुई. नगर निगम सभागार भवन में। सब खत्म हो गया। बैठक में पार्षदों के बीच अभियोजन की मंजूरी देने या न देने को लेकर बहस हुई और मंजूरी नहीं देने पर लाखों रुपये के लेन-देन के आरोप लगे. करीब बीस मिनट तक बहस और आरोप-प्रत्यारोप के बीच जब कोई फैसला नहीं आया तो कार्यपालक पदाधिकारी नरेश कुमार राठौड़ ने पार्षदों के पक्ष और विपक्ष में हाथ उठाकर, लेकिन पक्ष और विपक्ष दोनों में दस-दस पार्षदों द्वारा सहमति जताने का प्रस्ताव रखा. सहमति जताकर निर्णय नहीं लिया जा सका, जिसके बाद कोई नतीजा नहीं निकला और पार्षदों ने एक-दूसरे और नगर पालिका अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष की मंजूरी के लिए लाखों रुपए के लेन-देन और सौदे किए जा रहे हैं. इस पर नगर अध्यक्ष हेमराज मेघवाल ने बैठक स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही अगली बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी, जिसके चलते बैठक बिना किसी परिणाम के समाप्त हो गई.

बैठक के प्रारंभ में कार्यपालक पदाधिकारी नरेश कुमार राठौर ने बैठक में कार्यसूची में लिये गये विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक भागीरथ पंचाल निवासी कापरेन निवासी इन्द्रगढ़ के विरुद्ध चल रहे मामले में और अंता नगर पालिकाओं, विभाग ने अभियोजन की मंजूरी मांगी। चल रहा है, जिसे लेकर पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन पिछली बैठकों में कोई फैसला नहीं हो सका है. इसको लेकर डीएलबी के आदेश पर बैठक आयोजित की गई है। बैठक में पार्षदों द्वारा अभियोजन को स्वीकृत करना है अथवा नहीं, इस पर विचार-विमर्श करना है तथा इसके पक्ष-विपक्ष में सहमति व्यक्त करना है। नेता प्रतिपक्ष जितेंद्र पापड़ीवाल, नगर उपाध्यक्ष हेमंत पंचोली, पार्षद कमला शंकर सुमन, विनोद मेघवाल आदि ने कहा कि भागीरथ पांचाल ने नगर पालिका की बेशकीमती जमीन पर वर्षों से कब्जा कर रखा है, जिसमें मामला न्यायालय में भी चल रहा है. कई बैठकों के बावजूद भागीरथ पांचाल को नगर पालिका की जमीन पर कब्जा देने और मुकदमा वापस लेने की चर्चा हुई, लेकिन मुकदमा वापस नहीं लिया गया.