Bundi में ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनाने का सपना चार साल बाद भी अधूरा है
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बूंदी न्यूज़ डेस्क, प्रदेश के हर जिले में आमजन को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनाए जाने थे, लेकिन बूंदी में अभी तक पार्क की फाइल कागजों में घुम रही है। जगह का चयन हुए काफी समय हो गया, लेकिन लाइट-फिटिंग, बोरिंग व चारदीवारी का निर्माण नहीं होने से काम अटका पड़ा है। या यू कहे कि पूर्ववर्ती सरकार की योजना ठंडे बस्ते में है। जबकि प्रदेश के 24 जिलों में ट्रैफिक पार्क बनकर तैयार हो गए। चार जिलों में कार्य प्रगति पर है। शेष बचे जिलों में कुछ नहीं हुआ है,जिसमें बूंदी जिला भी शामिल है। प्रदेश के 33 जिलों में यातायात के नियमों की जानकारी देने और लाइसेंस बनवाने से पहले संकेतकों आदि का ज्ञान कराने के लिए ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनाए जाने की तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2020-21 के बजट घोषणा में की थी, लेकिन बूंदी में शुरु से अधिकारियों द्वारा इस पार्क को लेकर रूचि नहीं दिखाने के चलते अब तक चार साल में पार्क का निर्माण नहीं हो सका। बकायदा मुख्यालय द्वारा इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट भी मांगी गई, लेकिन मामला ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। योजना कागजों में दफन होकर रह गई। चार साल में मामला सिर्फ भूमि का चयन तक ही सीमित रहा।
सीकर, दौसा,नागौर व बारां में कार्य प्रगति पर
प्रदेश के 24 जिलों में ट्रैफिक सेफ्टी पार्क बनकर तैयार हो गए है। जबकि सीकर, बारां, दौसा व नागौर में कार्य प्रगति पर है। अजमेर जिले में काम शुरु होना है। जबकि सिरोही व करौली में जगह का चयन नहीं हुआ है। टोंक में पार्क बनकर तैयार है,लेकिन यहां चारदीवारी होनी बाकी है।
दो बार भूमि हुई निरस्त
परिवहन विभाग ने सबसे पहले ट्रैफिक सेफ्टी पार्क के लिए नवल सागर पार्क में जगह देखी। बकायदा जगह चिह्नित भी हो गई,लेकिन आरएसआरडीसी द्वारा जगह निर्धारित मापदंडों के पूरा नहीं होने के चलते निरस्त करनी पड़ी। यहीं स्थिति नैनवां रोड में देखी भूमि के दौरान सामने आया। बाद में यहां ओपन जिम बन गया। बाद में कलक्टर के हस्तक्षेप के बाद यहां देवपुरा रोड पर खसरा संख्या-548 में पार्क के मुताबिक भूमन्का चयन किया गया,लेकिन बावजूद अब तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। स्थिति जस की तस बनी हुई है।