Aapka Rajasthan

बूंदी में SDM ऑफिस बना घूसखोरी का अड्डा! ACB ने 35 हजार की रिश्वत लेते रीडर और संविदाकर्मी को रंगे हाथों पकड़ा

 
बूंदी में SDM ऑफिस बना घूसखोरी का अड्डा! ACB ने 35 हजार की रिश्वत लेते रीडर और संविदाकर्मी को रंगे हाथों पकड़ा

राजस्थान के बूंदी जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने लाखेरी एसडीएम कार्यालय में बड़ी कार्रवाई की है। भारतमाला परियोजना के तहत किसान के पक्ष में ज़मीन का कोर्ट से फैसला करवाने के नाम पर 50 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी। गुरुवार को पहली किश्त के तौर पर 35 हज़ार रुपये लेते ही एसीबी ने दोनों आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।

50 हज़ार की रिश्वत मांगी थी

दरअसल, लबान गाँव के एक किसान की ज़मीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित की गई थी। मुआवज़े को लेकर मामला एसडीएम कोर्ट में गया, जहाँ किसान के पक्ष में फैसला हुआ, लेकिन लाखेरी एसडीएम का तबादला होने के कारण फैसला नहीं लिखा गया। इसका फायदा उठाकर एसडीएम के रीडर करणवीर और संविदा कर्मचारी ने किसान से 50 हज़ार रुपये की रिश्वत माँगी।

पहली किश्त में मांगे गए 35 हज़ार रुपये
पीड़ित किसान ने बूंदी एसीबी को पूरे मामले की जानकारी दी। टीम ने योजना बनाकर पहली किश्त के रूप में 35,000 रुपये देने तय किए। गुरुवार को जैसे ही पैसे दिए गए, एसीबी टीम ने छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के बाद एसडीएम कार्यालय में हड़कंप मच गया। फिलहाल, एसीबी टीम पूछताछ कर रही है और इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है।

लाबान गाँव में एक्सप्रेसवे का प्रवेश द्वार

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में मुंबई से भोपाल होते हुए दिल्ली तक एक्सप्रेस हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। बूंदी जिले में इस एक्सप्रेसवे का प्रवेश द्वार लाबान गाँव में ही है। इसके चलते प्रशासन ने गाँव के कई किसानों की ज़मीन अधिग्रहित कर ली थी। लाखेरी एसडीएम कार्यालय में खातेदारी रोल रिकॉर्ड जमा करने पर किसानों को ज़मीन के बदले मुआवज़ा राशि दी जानी थी। लेकिन मुआवज़े को लेकर लाबान गाँव के किसानों के प्रशासन से सहमत न होने के कारण मामला अदालत में लंबित था।