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Bundi सर्किट हाउस के पीछे ग्रीन नर्सरी के लिए लगाए पौधे सूखने लगे

 
Bundi सर्किट हाउस के पीछे ग्रीन नर्सरी के लिए लगाए पौधे सूखने लगे

बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी महिलाओं का कहना है कि कई बार मोटर खराब होने पर अवगत कराया गया है, लेकिन पानी की मोटर सही नहीं कराने से पानी पौधों में डालने के लिए सर्किट हाउस में बने नल से महिलाएं केनों में पानी भरकर डालने को मजबूर हैं। सुबह घर से आती हैं तो केन भरकर ही लाती हैं। सर्किट हाउस में मंत्री, प्रभारी सचिव व प्रशासनिक अधिकारियों ने इस जगह पौधरोपण किया था। महिला नरेगा श्रमिकों ने बताया कि साब, हम तो पानी सर्किट हाउस के नल से लाकर पेड़-पौधों को सूखने से बचा रहे हैं। बोरिंग की व्यवस्था है, लेकिन मोटर खराब होने से पानी की परेशानी है। ऐसे में नरेगा श्रमिक महिलाएं इधर उधर से पानी का प्रबंध कर पौधों को बचा रही हैं। पानी की कमी से पौधे सूख जाते हैं और उनकी पत्तियां झुलसने लगती हैं। पौधों की पत्तियां मुरझा जाती हैं। वहीं पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होती है। पत्तियां पीली हो जाती हैं। पौधे अपनी पत्तियां गिराना शुरू कर देते हैं। बाद में पौधा मर जाता है। ऐसे में पौधरोपण के बाद पानी के अभाव में पौधा नष्ट होने के कगार पर आ जाता है।

विभागीय अधिकारियों की ऐसी लापरवाही से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सर्किट हाउस को और हरा-भरा बनाने की सोच पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।  बूंदी गत माह एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत सर्किट हाउस के पीछे बंजर व कचरा युक्त जमीन पर पौधे लगाकर पर्यावरण तैयार कर पेड़ों से घना वातावरण बनाने की पहल पर मार पड़ती नजर आ रही है। अगर पेड़ों की रक्षा की जाए तो ये घना बागवान बनकर लोगों के लिए ऑक्सीजन का भरपूर खजाना होगा। सर्किटहाउस में सीधे प्रवेश होते ही दूर तक पेड़ों का घनघोर दृश्य देखने को मिलेगा, लेकिन अब वर्तमान में पानी के अभाव में पेड़-पौधे सूखने की ओर हैं। यह पौधे पेड़ बनने की ओर होते हैं, जिसकी समय समय पर पानी की जरूरत होती है। ऐसे में सर्किटहाउस में बोरिंग करने के बाद मोटर खराब होने से इन पेड़ों की सिंचाई नहीं हो रही है। वहीं, नरेगा श्रमिक महिलाएं इधर-उधर से या फिर सुबह घर से केन में पानी लाकर इन पौधों को बचाने की जुगत करने में लगी हैं। एक हजार पेड़ों की कई महीनों से 20 से 25 नरेगा श्रमिक महिलाएं सार-संभाल कर रही हैं, लेकिन पानी की कमी से उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

^नरेगा में रोजगार गारंटी योजना में सर्किट हाउस के पीछे बेकार पड़ी जमीन पर पौधरोपण कर हरी-भरी नर्सरी तैयार करने के लिए नरेगा श्रमिक महिलाएं सार-संभाल कर रही हैं। पानी की दिक्कत आती है तो टैंकरों से पानी की व्यवस्था करवाते हैं। बोरिंग कराई हुई है। मोटर खराब की जानकारी मुझे नहीं है। ऐसा है तो मोटर को सही करवाकर प्रॉपर रूप से पेड़-पौधों की सिंचाई करवाएंगे। सर्किट हाउस के अंदर व बाहर करीब एक हजार पेड़ लगाए गए हैं, जिसमें अमरुद, आम व ज्यादातर करंज के शामिल हैं। उनकी नियमित देखवाली करवा रहे हैं। -दिनेश मीणा, एईएन, नगरपरिषद