Bundi रणथंभौर टाइगर रिजर्व से तीसरी बाघिन को रामगढ़ लाने की तैयारी शुरू

बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी रणथंभौर टाइगर रिजर्व से रामगढ़ के लिए तीसरी बाघिन लाने की तैयारी शुरू हो गई है। वन्यजीव विभाग के उच्चाधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया। तीसरी बाघिन को भी जैतपुर रेंज के बजाल्या एनक्लोजर मंें ही रिलीज किया जाएगा। इससे पहले लाई गई बाघिन टी-119 भी इसी एनक्लोजर में छोड़ी गई थी। बाघिन को लाने के लिए वन्यजीव विभाग को पहले ही परमिशन मिल चुकी है। उम्मीद की जा रही है इस माह के अंत या फिर अगले माह के शुरुआती सप्ताह में बाघिन लाई जाएगी। रामगढ़ टाइगर रिजर्व को बाघों से आबाद करने के लिए अब तक यहां दो बाघिन छोड़ी जा चुकी है। यह तीसरी बाघिन होगी, जो रणथंभौर टाइगर रिजर्व से रामगढ़ में छोड़ी जाएगी। इस बाघिन के आने के बाद बाघों के कुनबे में एक बाघ, तीन बाघिन व तीन शावक हो जाएंगे, यानी इनकी संख्या बढ़कर 7 हो जाएगी।
छोटी-छोटी समस्याओं से अब तक जूझ रहे हैं इंद्रगढ़ क्षेत्रवासी
शहर सहित क्षेत्र में आमजन से जुड़ी बड़ी समस्या तो दूर, कई छोटी समस्याओं का सालों से समाधान नहीं हुआ। इससे लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार सुमेरगंजमंडी से जाने वाले कमलेश्वर मुख्य मार्ग पर रेलवे नाला है।इस नाले में बरसात में 5 फीट तक पानी भर जाता है। इससे कमलेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं काफी परेशानी होती है। वहीं इंद्रगढ़ व सुमेरगंजमंडी अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने से महिलाओं को उपचार के लिए दूर दराज जाना पड़ रहा है।
सुमेरगंजमंडी मार्ग के प्रताप सर्किल तक आधा किलोमीटर का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। जिससे फैली गिट्टी व गड्ढों में आए दिन वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे है। शहर के बालिका सीनियर सैकंडरी स्कूल में प्रार्थना स्थल पर ढकान नहीं होने से हर मौसम में खुले में प्रार्थना करना मजबूरी बना हुआ है। स्कूल में आर्ट के अलावा अन्य दूसरा सब्जेक्ट नहीं है। इन सब समस्याओं से समय-समय पर जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन आश्वासन ही मिला। समाधान आज तक नहीं हुआ। यह मांगें भी नहीं हुई पूरी इंद्रगढ़ नगर पालिका व आसपास कई गांवों कई बड़ी समस्याएं भी आज तक पूरी नहीं हुई। यहां पंचायत समिति कार्यालय शुरू करने, नगर पालिका की सीमा वृद्धि, सरकारी कॉलेज, बीजासन माता मंदिर पर रोप-वे मांग चली आ रही है। वहीं शहर में खेल स्टेडियम का निर्माण पिछले कुछ सालों से अधूरा पड़ा हुआ है, जो आज तक भी पूरा नहीं हो सका है।