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Bundi में खुलेआम फेल रहा दबंगों का आतंक, परेशान किसान ने पानी की टंकी पर चढ़कर लगाई न्याय की गुहार

 
Bundi में खुलेआम फेल रहा दबंगों का आतंक, परेशान किसान ने पानी की टंकी पर चढ़कर लगाई न्याय की गुहार

बूंदी न्यूज़ डेस्क,  राजस्थान के बूंदी जिले में बुजुर्ग किसान की भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर लिया. बुजुर्ग किसान ने जब पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की तो प्रशासन ने भी किसान की एक नहीं सुनी. इसके बाद दबंगों की धमकियों से परेशान होकर किसान देई कस्बे की पानी की टंकी पर चढ़ गया और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगा. किसान जैसे ही पानी की टंकी पर चढ़ा तो लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. सूचना मिलने पर पुलिस उपाधीक्षक एसडीम सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए और किसान से समझाइस की. 

6 घंटे तक पानी की टंकी पर रहा किसान 

करीब 6 घंटे तक किसान पानी की टंकी पर चढ़ा रहा था और जमीन पर कब्जा हटाने की मांग कर रहा था. इसके बाद प्रशासन ने मौके पर एक टीम भेजकर सीमा ज्ञान कर कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की तब जाकर किसान टंकी से नीचे उतरा है. किसान का कहना है कि उसने प्रशासन को लगातार इस मामले में रिपोर्ट देखकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन मेरी एक बात नहीं सुनी गई. इसके बाद आखिरकार इन सबसे तंग आकर मैं प्रशासन को आत्महत्या की चेतावनी की चेतावनी देने के लिए मजबूर हो गया.

कार्यवाही नहीं करने के गंभीर आरोप

नैनवा पुलिस उपाधीक्षक राजू लाल ने बताया कि चीपल्टा गांव मे भू माफिया गिरोह द्वारा किसान की जमीन और मकान पर जबरन कब्जा कर लिया गया. इसके बाद आक्रोशित किसान बाबू लाल गुर्जर सुबह देई कस्बे के गुढ़ा समेला रोड़ पर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गया था. इस दौरान किसान समेत परिजनो ने पुलिस पर लिखित में अवगत करवाने के बावजूद कार्यवाही नहीं करने के गंभीर आरोप लगाए. इसके बाद मामला गंभीर होने के चलते अन्य थाने से पुलिस जाप्ता बुलाया गया.

प्रशासन ने किसान को समझाया 

इसके साथ ही तहसीलदार रामराय मीना भी मौके पर पहुंचे और किसान से समझाइस की. प्रशासन और पीड़ित किसान के मध्य लंबे समय तक चली वार्ता के बाद पुलिस प्रशासन ने मौके पर जाकर कब्जा हटवाने और उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद किसान टंकी से नीचे उतरा. जिसके बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी किसान के साथ ही मौके पर चीपल्टा गांव के खेत पर स्थिति देखने के लिए रवाना हुए. 

किसान बोला सबसे थक गया था

बाबूलाल गुर्जर ने ज्ञापन में बताया कि चीपल्टा मे खातेदारी कृषि भूमि पर एक अध्यापक पचास से अधिक लोगों का गिरोह बनाकर विवादित सम्पति खरीदकर कब्जा करता है. उसने पीडित के पास खेत खरीदा है. उन लोगों ने हाथो मे लकडियां, गंडासे कुल्हाडी, ट्रेक्टर के साथ चार बीघा चावल,आठ बीघा उडद और सोयाबीन की फसल को नष्ट कर दिया. इसके बाद उन्होंने किसान को जान से मारने का प्रयास किया,लेकिन  किसान ने किसी तरह घर मे घुसकर जान बचाई. इसके बाद मामले की देई थाने में 21 अक्टूबर को रिपोर्ट दी गई, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. इन सबसे तंग आकर किसान के आत्म हत्या करने का कदम उठाया.