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Bundi शिक्षक दिवाद आज, दृष्टि बाधित शिक्षक फैला रहे शिक्षा का उजियारा

 
Bundi शिक्षक दिवाद आज, दृष्टि बाधित शिक्षक फैला रहे शिक्षा का उजियारा
बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी जिस प्रकार एक पक्की नींव ही मजबूत भवन का निर्माण करती है, ठीक उसी प्रकार शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षा के सहारे मजबूती देकर उसे भविष्य निर्माण में सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है।कहा जाता है कि एक बच्चे के जीवन में उसकी पहली गुरु मां होती है, जो संस्कार देती है, वही दूसरे स्थान पर शिक्षक है जो हमें सांसारिक बोध कराते है। ऐसे ही एक दृष्टि बाधित अध्यापक टीकमचंद जैन पापडी गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिन्दी विषय बच्चों को पढाते है। जुनून ऐसा की सुबह जल्दी उठकर विद्यालय जाने की तैयारी में जुट जाते हैं। आने जाने में परेशानी आती है, लेकिन विद्यालय के छात्र छात्राओं को नियमित अध्ययन करते हैं।

ऐसे देते है बच्चों को शिक्षा

शिक्षक टीकमचद जैन ने बताया कि कभी दुनिया की चकाचौंध को नहीं देखा। बच्चों की पढाई में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोडी है। बच्चों को काबिल इंसान बनाने का बेडा उठाया। वह ब्रेललिपि की किताबों से बच्चों को पढ़ाते है

ऐसे करते है समाधान

शिक्षक ने बताया कि अगर छात्र छात्राओं को कोई समस्या होती है तो उसका समाधान करने के लिए एक छात्र को खडा करके ब्लैक बोर्ड पर लिखवाकर अन्य छात्राओं की समस्या का समाधान करते हैं शिक्षक का परीक्षा परिणाम लगातार 12 वर्षों 100 प्रतिशत चला आ रहा है ।

दस किमी से आ रहे पढ़ाने

नेत्रहीन शिक्षक लाखेरी शहर से पापडी गांव 6 किलोमीटर दूरी पर विद्यालय जाते है। विघालय जाने के लिए रेलवे के नाले में पानी भरने से शिक्षक 10किलोमीटर का चक्कर लगाकर नियमित रूप से पहुंचते है। टीकमचद जैन पापडी गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12वर्षों सेपदस्थापित है।