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Bundi 20 बसों की और आवश्यकता, तब यात्रियों को मिले राहत

 
Bundi 20 बसों की और आवश्यकता, तब यात्रियों को मिले राहत
बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी  यात्रीगण कृपया ध्यान दे...बूंदी आगार से चलने वाली रोडवेज बसों संख्या घट गई है। ऐसे में आप अपने गन्तव्य स्थान पर जाने से पहले बस देख लिजिए कि वो आपके निर्धारित मार्ग पर प्रस्तावित है या नहीं। रोडवेज बेड़े में लगातार बसों की संख्या घटने से यात्री भार में भी गिरावट आई है। यहीं नहीं कंडम बसें चलाकर निगम यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहा है साथ ही बसें कम होने से कुछ रूट बंद हो गए है। ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहीं नहीं सभी जिलों से अनुबंधित बसे हटा देने से हालात और विकट हो गए हैं। मुख्यमंत्री की महिला यात्रियों को किराए में 50 फीसदी छूट देने पर रोडवेज को एकबारगी जीवनदान मिला था,लेकिन बसें घटने से फिर हालात पहले से बदतर हो गए हैं। बूंदी आगार से वर्तमान में 41 बसें मार्गो पर दौड़ रही है। बसें संचालित तो 51 है, लेकिन 8 बसें कंडम है। वहीं तीन बसें खराब होकर आगार में खड़ी है। वहीं एक भी अनुबंधित बस बूंदी बेड़े में शामिल नहीं है। इससे रोडवेज बसों में सफर करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं निजी बसों में अधिक किराया देकर सफर कर रहे है। कोरोना के बाद से अब तक निगम 59 शेड्यल चला रहा है। जबकि इससे पहले 2017-18 में 75 शेड्यूल चलते थे,लेकिन कोरोना के बाद से बसों की संख्या कम होने से शेड्यूल भी कम हो गए और बसों की संख्या घटती चली गई। रोडवेज सूत्रों के अनुसार वर्तमान में निगम के पास 2020 मॉडल की 14 बसें संचालित है। जबकि शेष बसें 2011,12 व 13 मॉडल की है।

जान जोखिम में डाल कर रहे सफर

यात्री निगम की आठ बसों में जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे है। निगम की इन बसों की अवधी यानि नियमानुसार संचालन पूरा हो गया। मापदण्डों के अनुसार 10 लाख से अधिक किलोमीटर घुम चुकी है। फिर भी निगम इन बसों को सडक़ों पर दौड़ा रहा है।

कोटा व झालावाड़ को मिली

बूंदी आगार काफी समय से नई बसों की मांग कर रहा है,लेकिन अब तक एक भी नई बस नहीं मिल पाई है। जबकि हाड़ौती के कोटा, झालावाड़ समेत अन्य जिलों के रोडवेज को नई बसों की सौगात मिल चुकी है,लेकिन बूंदी को अब तक नई बसें नहीं मिली है। बूंदी आगार में बसों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। नई बसें आने की संभावना है। जैसे निगम को बसें मिलती है तो बंद हुए रूटों पर उसका संचालन किया जाएगा।