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Bundi मॉडल रोडवेज बस स्टैंड की हालत खबरब, एकमात्र पंखा, वह भी खराब

 
Bundi मॉडल रोडवेज बस स्टैंड की हालत खबरब, एकमात्र पंखा, वह भी खराब

बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी का मॉडल बस स्टैंड...केवल नाम का ही मॉडल है। सरकार से कायाकल्प की आस लगाए बैठा है, लेकिन सरकार है कि सुन ही नहीं रही। बजट घोषणा 2022 में इसके लिए 2 करोड़ 99 लाख 95 हजार रुपए की स्वीकृति मिली। रोडवेज ने इसकी डीपीआर भी तैयार कराई। मगर, यहां केवल सीसी सड़क का ही काम हो पाया। रिनोवेशन के कई काम छूट गए, जिनके लिए और बजट चाहिए। रोडवेज की ओर से छूटे हुए कामों की स्वीकृति के लिए भेजा गया, लेकिन न पहले की डीपीआर को स्वीकृति मिली, न ही कोई सकारात्मक जवाब आया।

यहां का भवन सालों पुराना हो चुका है। यात्रियों के लिए सार्वजनिक सुविधाएं भी पूरी नहीं हैं, जिसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यात्री वेटिंग रूम में गर्मी में यात्रियों का हाल बेहाल रहता है। शौचालय की साफ-सफाई तक नहीं होती। भास्कर ने यहां सुविधाओं की पड़ताल की। बस स्टैंड का वेटिंग रूम...यहां एक ही पंखा है, वह भी खराब होकर बंद पड़ा है।

10 साल पहले 100 बसें थी, जो घटकर अब आधी से कम हो गई। वर्तमान में 50 बसों से कम संचालन हो रहा है। बसें कंडम होती गईं और नई बसें नहीं मिल पाई। इसका परिणाम यह हुआ कि कई रूट तो बंद होते चले गए। बूंदी आगार के बस स्टैंड से कभी 94 शेड्यूल चलते थे, जो अब 46 ही रह गए हैं। कंडक्टर व ड्राइवर के 94 पदों में से 67 रह गए। वहीं, 20 एजेंसी के ड्राइवर लगे हुए हैंं, इनमें से भी 19 ड्राइवर मेडिकल अनफिट बताए जा रहे हैं। इस बस स्टैंड से अलग-अलग डिपो की बसों से रोजाना 15 से 20 हजार लोग यात्रा करते हैं।

बस स्टैंड के रिनोवेशन के लिए डीपीआर बनाई जा चुकी है। इसकी स्वीकृति के लिए जयपुर मुख्यालय भेजा हुआ है। जल्द ही डीपीआर पर काम शुरू होगा और यात्रियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं मिलने लगेंगी। - सुनीता जैन, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज डिपो 2 करोड़ 99 लाख रुपए की डीपीआर में बस स्टैंड के आगे बन रही बैंक और पुराने कार्यालय की जर्जर बिल्डिंग को तोड़कर बीच में मुख्य गेट बनाना प्रस्तावित है। चारदीवारी-सीसी सड़क, टॉयलेट्स, 8 प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय कक्ष, कैंटीन भी बनाया जाना था।