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Bundi तीन दशक से मांग रहे कॉलेज, उच्च शिक्षा हो रही मुश्किल

 
Bundi तीन दशक से मांग रहे कॉलेज, उच्च शिक्षा हो रही मुश्किल
बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी उपखंड मुख्यालय पर राजकीय महाविद्यालय नहीं होने से अभिभावकों के सामने छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा दिलाना मुश्किल हो रहा है। गरीब लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। शहर के वाशिंदे तीन दशक से कॉलेज खोलने की मांग उठा रहे हैं। कई बार आंदोलन किया जा चुका है, लेकिन जिम्मेदार इस बारे में गंभीर नहीं है। मुख्यालय पर कॉलेज खुलने से एक लाख की आबादी वाले क्षेत्र को लाभ मिलेगा। शहर की तीस हजार की आबादी के अलावा ग्राम पंचायत माधोराजपुरा, सूनगर, गुडला, गुड़ली, लेसरदा, चितावा, मायजा, करवाला, अरनेठा, रडी चडी भीया, जलोदा, जयस्थल, करवाला की झोपड़ियां ग्राम पंचायत के छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कोटा, बूंदी जाना पड़ता है।

आखिर कब होगा आश्वासन पूरा

केशरायपाटन विधानसभा में पढ़ने वाले तीन प्रमुख शहरों में सरकारी कॉलेज नहीं है, जिससे लाखेरी से लेकर केशवरायपाटन तक के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए भटकना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने वैसे तो उपखंड मुख्यालय पर कॉलेज खोलने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह कब खुलेगा स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। कॉलेज के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं। शहरों में रहकर पढ़ाई का खर्च की अभिभाषक नहीं उठा पा रहे हैं। परिवारों के लिए मुश्किल हो रहा है। उपखंड मुख्यालय में कॉलेज खुलने के ऐसे कई गांव के छात्र-छात्राओं को महंगी शिक्षा से बच सकते हैं। उपखंड मुख्यालय पर कालेज खुलने से रोजगार के रास्ते खुलेंगे।गांवों के बालक कोटा में कमरतोड़ महंगाई से बच कर यहां पढ़ेंगे तो आवास, भोजन क्षेत्र में विस्तार होगा। व्यापारियों को लाभ होगा। गांवों के लोगों के शहरों से जुड़ाव बढ़ेगा।