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Bundi कलेक्टर बोले, नॉर्दन बाईपास फेज द्वितीय के मुआवजे वाले प्रकरणों का करें निस्तारण

 
Bundi कलेक्टर बोले, नॉर्दन बाईपास फेज द्वितीय के मुआवजे वाले प्रकरणों का करें निस्तारण

बूंदी न्यूज़ डेस्क,  जिला कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व अधिकारियों की बैठक कलेक्टर अक्षय गोदारा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों, लंबित राजस्व प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी राजस्व वसूली की दिशा में विशेष प्रयास करें और वसूली की प्रगति बढ़ाएं। राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निस्तारण करने के लिए नियमित सुनवाई की जाए।

तामील के प्रकरणों और राजस्व प्रकरणों का शत-प्रतिशत निस्तारण करवाएं। नार्दन बाईपास-2 लेन विद पेव्ड शोल्डर फेज द्वितीय में मुआवजे भुगतान के प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। ग्राम पंचायतवार तामील प्रकरणों के प्रकरण लंबित नहीं रहे, इसके लिए प्रभावी कार्य होना चाहिए। इसके अलावा राजस्व अधिकारियों के साथ अभियान चलाने के लिए बेहतर रोडमैप बनाएं। गैरखातेदारी से खातेदारी के प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की जाए। बूंदी मानसून के दौरान बाढ़ या अतिवृष्टि से जान माल की क्षति से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों को लेकर जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने जिला अधिकारियों की बैठक ली।

बैठक में विभागों के अधिकारियों द्वारा मानसून के दौरान विभिन्न परिस्थितियों से निबटने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी ली। कलेक्टर गोदारा ने कहा कि अगर किसी विभाग ने समय रहते प्रबंध नहीं किए और बारिश में समस्या आई तो संबंधित अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे। ऐसी स्थिति में जिम्मेदार कर्मियों व अधिकारियों पर एक्शन लिया जाएगा, इसलिए पहले से तैयारी रखें। बैठक में जिला कलेक्टर ने नगरपरिषद व नगरपालिका क्षेत्र के नालियों एवं नालों की संपूर्ण सफाई, जमीन के निकट रखे हुए डिस्कॉम के ट्रांसफार्मरों को ऊंचा रखा जाने, पंचायत के अधीन बांधों व तालाबों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देश दिए कि उपखंड अधिकारी इन कार्यों की मॉनिटरिंग करें। सभी विभाग टीम भावना से कार्य करें। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन से गुजर रहे नाले की अच्छी तरह सफाई करवाई 4 जा, ताकि पानी नहीं भरे। उन्होंने निर्देश दिए कि नगरीय क्षेत्रों, ग्राम पंचायत क्षेत्रों के बांधों, तालाबों में सुरक्षा संबंधी उपाय करें। इस दौरान जन संसाधन विभाग से तकनीकी कार्मिक भी साथ रहकर बांध और तालाबों पर किसी तरह की तकनीकी कमी मिलने पर तुरंत उसे सही करवाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के उचित प्रबंध रखें।

अस्पतालों में एंटी स्नेक दवाइयां रखी जाए। उन्होंने पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिए कि पशुओं के लिए दवाइयों की कमी नहीं हो, टीम उसका समाधान करे। उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायत क्षेत्रों में स्थित बांधों का संबंधित विकास अधिकारियों द्वारा अवलोकन किया जाए व मरम्मत की जरूरत होने पर करवाई जाए। प्राकृतिक आपदा संबंधी प्रकरणों के मामले में तहसीलदार तीन दिन में रिपोर्ट दें। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ त्वरित राहत देने का कार्य हो।

मानसून के दौरान सीईओ, एसडीएम, पुलिस के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर बेहतर समन्वय से कार्य करें। नालों की सफाई करवाओ, बेहतर निकासी होनी चाहिए उन्होंने मानसून से पहले नालों की सफाई करने व आवश्यक मरम्मत करवाने के निर्देश दिए, ताकि मानसून में पानी की बेहतर निकासी हो सके। उन्होंने अधिकारियों को समय रहते नदियों के किनारे बस्तियों को खाली करवाने और नदी-नालों के समीप खतरे के संकेत पट्ट लगाने के निर्देश भी दिए। आपातकालीन स्थिति के लिए नियंत्रण कक्षों पर सूचनाएं समय पर दी जाए, सभी आवश्यक उपकरण तैयार रखें।

जल जनित रोगों, सांप के काटने, दुर्घटना की स्थिति से निबटने के लिए आवश्यक दवाओं का भंडारण करें। आमजन को आपात स्थिति से निबटने के उपायों के बारे में जागरूक करें। सड़क काटी है तो वह दुरुस्त होनी चाहिए उन्होंने निर्देश दिए कि जर्जर और क्षतिग्रस्त भवनों व इमारतों को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही करें, ताकि किसी तरह की जनहानि नहीं हो। इस कार्य की उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्रों मंे मॉनिटरिंग करें। इसके अलावा मानसून से पहले कार्यों के लिए सड़क काटने के बाद उसे तुरंत सही करवाया जाए।

बिना अनुमति के सड़क काटने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए। डिस्कॉम अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन स्थानों ढीले तार हैं, उन्हें खिंचवाया जाए। लाइनों पर पेड़ होने पर उनकी छंटाई होनी चाहिए। बाढ़ और अतिवृष्टि होने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्थान का चयन कर लिया जाए। सीवरेज के ढक्कन कहीं भी खुले नहीं रहें। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक हनुमानप्रसाद मीणा ने निर्देश दिए कि पिकनिक स्पॉट, पानी के बहाव क्षेत्रों पर चेतावनी संकेतक लगाए जाएं। साथ ही सूचनाएं समय पर दी जानी चाहिए। उपखंड स्तर पर किसी भी आपात स्थिति से निबटने के सभी प्रबंध पहले से होने चाहिए। उन्होंने कहा कि तैराकों की सूची समय मोबाइल नंबर संधारित रखें, ताकि आपात स्थिति में उनका सहयोग लिया जा सके। बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर घनश्याम शर्मा, अतिरिक्त कलेक्टर सीलिंग नवरत्न कोली, मुख्य कार्यकारी अधिकारी दुर्गाशंकर मीणा, सभी उपखंड अधिकारी व जिला अधिकारी मौजूद रहे।